'पीएम मोदी बिहार से वोट लेकर गुजरात में फैक्ट्री लगवा रहे', प्रशांत किशोर ने कसा तंज

प्रशांत किशोर ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा, "राजगीर हम पहली बार नही आए हैं, पहले भी आ चुके हैं. ज्यादातर समय नीतीश कुमार के साथ ही राजगीर आए हैं.

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बिहार बदलाव यात्रा के दौरान जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर नालंदा पहुंचे. यहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार, लालू यादव, तेजस्वी के साथ पीएम मोदी पर तीखी प्रतिक्रिया दी. प्रशांत किशोर ने कहा, "PM मोदी बिहार से वोट लेकर गुजरात में फैक्ट्री लगवा रहे हैं, यहां डबल इंजन सरकार के बावजूद बच्चों के शरीर पर सूती कपड़ा और पैरों में चप्पल नहीं है." नालंदा की जनता से प्रशांत किशोर ने बड़ा वायदा करते हुए कहा, "जन सुराज की व्यवस्था बनी तो दिसंबर 2025 से बुजुर्गों को 2000 रुपये मासिक पेंशन, बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा और युवाओं को बिहार में ही 12 हजार रुपये तक का रोजगार मिलेगा."

प्रशांत किशोर ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा, "राजगीर हम पहली बार नही आए हैं, पहले भी आ चुके हैं. ज्यादातर समय नीतीश कुमार के साथ ही राजगीर आए हैं. बिहार गौरव की भूमि है. बिहार का सबसे ज्यादा गौरवशाली इतिहास रहा है, जिसमे नालंदा की बात होती थी. जनसुराज का सपना है कि बिहार को फिर से ज्ञान की भूमि बनाया जाए और उस ज्ञान की भूमि बनाने में नालंदा की भूमिका सबसे बड़ी है. इसलिए यहां आकर लोगों से आवाहन किया है कि सड़क, बिजली, पानी से ऊपर उठकर बच्चों की पढ़ाई के लिए, रोजगार के लिए आप वोट कीजिए. नई व्यवस्था बनाएं और किसी भी हालत में लालटेन को वापस जलने मत दीजिए."

लालू परिवार के अंदर झगड़े पर बोले...

"मैं हमेशा कहता हूं कि लोगों की प्राइवेट जिंदगी में और उनके परिवार में क्या हो रहा है, यह मेरा विषय नहीं है. लालू जी के परिवार के अंदर लड़ाई हो या झगड़ा हो, उससे मेरा कोई मतलब नहीं है. बिहार के बच्चों के लिए पढ़ाई कैसे हो, रोजगार कैसे हो, पलायन बंद कैसे हो, यह मुद्दा है. लालू प्रसाद के परिवार के बच्चे आपस में लड़ रहे हैं, या क्या कर रहे हैं, उससे हमारा कोई मतलब नहीं है."

तेजस्वी के कलम फेंकने पर बोले प्रशांत किशोर...

"तेजस्वी यादव कलम फेंक रहे थे. यह दिखाता है कि इनका चरित्र क्या है. मैं हमेशा कहता हूं कि शेर बूढ़ा भी हो जाता है तो घास नहीं खाएगा, मांस खाएगा. हम लोग बिहार के बच्चा-बच्चा, युवा, पेपर और कलम को सरस्वती मानते हैं. उसकी पूजा करते हैं. यह आदमी खड़ा होकर मां सरस्वती के स्वरूप कलम को हवा में फेंक रहा है. इसलिए इस बार जनता इन्हें सबक सिखाएगी.

नालंदा की समस्याओं पर बोले...

नालंदा राजगीर नीतीश का गृह जिला है और दूसरे जिलों के मुकाबले यहां पर विकास निश्चित तौर पर ज्यादा हुआ है. सड़क बिजली की स्थिति दूसरे जिलों के मुकाबले नालंदा में बेहतर है. यहां पर बेरोजगारी और पलायन का मुद्दा उतना ही बड़ा है जितना सुपौल और मधुबनी जिले में है. भ्रष्टाचार भी नालंदा में इतना ही है जितना दूसरों जिलों में है. अब जो नीतीश कुमार हैं वो शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए हैं. नालंदा की जनता को दिख रहा है कि अब आगे की जो तरक्की विकास है वो जनसुराज कर सकती है. ऐसी व्यवस्था चाहिए, जिसमें सड़क, बिजली से आगे बच्चों को रोजगार, शिक्षा की गारंटी मिले, ताकि लोगो को रोजगार के लिये पलायन नही करना पड़े.

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