- जन सुराज पार्टी ने 51 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए, जिनमें अति पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक उम्मीदवार शामिल हैं,
- यादव और मुस्लिम उम्मीदवारों के चयन से जन सुराज ने राजद के कोर वोट बैंक में विभाजन पैदा किया है.
- एनडीए के वोट बैंक में सेंधमारी के लिए जन सुराज ने ब्राह्मण, राजपूत और कुर्मी जाति के उम्मीदवार उतारे हैं.
प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए. इनमें 17 उम्मीदवार अति पिछड़ी जातियों से हैं, 11 पिछड़े वर्ग से, 7 मुस्लिम, 7 सीटें अनुसूचित जाति 7, 9 सामान्य वर्ग से. इन उम्मीदवारों के ऐलान के बाद से ही कयास लगाए जाने लगे कि आखिर प्रशांत किशोर किसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे? टिकट बंटवारे में जातीय समीकरण को साधकर प्रशांत किशोर ने दोनों गठबंधनों की मुश्किलें बढ़ा दी है.
सीमांचल में प्रशांत किशोर ने 5 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, इनमें 4 उम्मीदवार अल्पसंख्यक हैं. अल्पसंख्यक बहुल इस इलाके में महागठबंधन के लिए ओवैसी एक बड़ी चुनौती पहले से हैं. अब प्रशांत किशोर ने अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को टिकट देकर राजद की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. प्रशांत किशोर ने सीमांचल में जिन सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है उनमें कोचाधामन, अमौर, बायसी सीट पर पिछली बार AIMIM ने जीत दर्ज की थी. सिकटी और प्राणपुर भाजपा के खाते में गई थी. सीमांचल के 5 में से 4 उम्मीदवार मुस्लिम हैं. ऐसे में वे राजद को और नुकसान पहुंचा सकते हैं.
राजद के यादव-मुस्लिम पर चोट
जन सुराज ने दरभंगा ग्रामीण से शोएब खान को, महिषी से शमीम अख्तर को उम्मीदवार बनाया है. इन दोनों सीटों पर राजद ने पिछली बार यादव उम्मीदवार को मैदान में उतारा था. दरभंगा ग्रामीण से ललित यादव विधायक हैं और महिषी सीट राजद 1 हजार 700 वोट से हारी थी, तब यहां से पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर के बेटे अब्दुर रज्जाक को करीब 22 हजार वोट मिले थे. अगर इस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं होता तो राजद यह सीट जीत सकता था. सुरसंड से जनसुराज ने ऊषा किरण को और सिमरी बख्तियारपुर से सुरेन्द्र यादव को उम्मीदवार बनाया है. दोनों यादव जाति से हैं. सुरसंड से राजद ने पिछली बार अबु दोजाना को और बख्तियारपुर से यूसुफ सलाउद्दीन को उम्मीदवार बनाया था. यूसुफ मौजूदा विधायक हैं. अब इस बार राजद के लिए प्रशांत किशोर इन सीटों पर मुश्किलें बढ़ाएंगे. यादव, मुस्लिम राजद का कोर वोट बैंक है. इसमें बिखराव हुआ तो राजद की मुश्किलें बढ़ेंगी.
एनडीए के वोट बैंक में सेंधमारी
जन सुराज ने दरभंगा से आरके मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से भाजपा के संजय सरावगी चुनाव जीतते रहे हैं. वे वैश्य जाति से हैं. इस सीट पर ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. ऐसे में आरके मिश्रा के जरिए ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की कोशिश की जा रही है. पूर्व विधायक किशोर कुमार को पार्टी ने सहरसा से चुनावी मैदान में उतारा है. राजपूत जाति से आने वाले किशोर कुमार की अति पिछड़ों में भी पैठ है. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें करीब 10 हजार वोट मिले थे. इसका बड़ा हिस्सा अति पिछड़े मतदाताओं का था. उनके जन सुराज से चुनाव लड़ने से राजपूत मतदाताओं का एक वर्ग और अति पिछड़ों का एक हिस्सा जन सुराज के पक्ष में आ सकता है. खगड़िया सीट से जन सुराज ने जयंती पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर 20 हजार से अधिक कुर्मी मतदाता हैं. यह पारंपरिक रूप से एनडीए का वोटर रहा है. अस्थावां सीट से पार्टी ने आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह को उम्मीदवार बनाया है. यह कुर्मी बाहुल्य इलाका है. आरसीपी सिंह के जरिए इस वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश है. इसके अलावा प्राणपुर, बोधगया जैसी सीटों पर भी वे उम्मीदवार उतारे गए हैं, जो एनडीए के पारंपरिक वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं.
प्रशांत किशोर किसे ज्यादा, किसे कम नुकसान पहुंचाते हैं, यह तो परिणाम बताएगा लेकिन फिलहाल दोनों गठबंधन के नेता उनसे परेशान हैं.