बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने अब तक के कार्यकाल में बालू माफिया से संबंध (Balu Taskar) और अवैध खनन (illegal sand mining) मामले में दो एसपी , चार डीएसपी , एक एसडीओ समेत 18 अधिकारियों को एक साथ निलंबित कर दिया. दो एसपी में आरा के पूर्व एसपी राकेश दूबे और औरंगाबाद के एसपी रहे सुधीर कुमार पोरिका शामिल हैं. इन सभी निलंबित अधिकारियों पर आर्थिक अपराध इकाई की जांच चल रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बालू के अवैध खनन पर लगातार मीडिया में छप रही रिपोर्टों के आधार पर एक जांच कराई थी, जिसकी शुरुआती जांच में इन अधिकारियों की माफिया से साठगांठ पाई गई थी, जिसके आधार पर इनका तबादला दो हफ़्ते पहले किया गया और इन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला चलाने का भी आदेश हुआ था.
मंगलवार शाम जारी आदेश के अनुसार- जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया हैं उसमें पालीगंज के तत्कालीन एसडीपीओ तनवीर अहमद भोजपुर के तत्कालीन SDPO संजय कुमार और औरंगाबाद सदर के तत्कालीन एसडीपीओ अनूप कुमार निलंबित अधिकारियों में शामिल हैं. इसके अलावा डिहरी के एसडीओ सुनील कुमार सिंह को न केवल निलंबित किया गया है बल्कि उनके खिलाफ अब विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी. इन अधिकारियों के अलावा तीन सीओ जिसमें कोइलवर के अनुज कुमार , पालीगंज के राकेश कुमार और वारुन के तत्कालीन सीओ वसंत राय को निलंबित किया गया है.
परिवहन विभाग ने भी एमवीआई विनोद कुमार को मंगलवार शाम निलंबित करने की घोषणा की है. इन सभी अधिकारियों पर कर्तव्य के प्रति उदासीनता , सरकारी आदेश की अवेहलना और सरकारी सेवक रहते हुए अपने कार्यों से सरकार के राजस्व का नुक़सान कराने का आरोप लगाया गया है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साथ सभी आरोपी अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने को हरी झंडी दी, उसके बाद एक साथ अलग-अलग विभागों ने आदेश निकाले. इससे पूर्व खान मंत्री जनक राम ने मंगलवार को विधानसभा में कहा है कि जैसे-जैसे जांच होगी वैसे और अधिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.