- बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को जीत मिली है, इस जीत में संतोष सुमन की पार्टी का अहम योगदान रहा है
- संतोष सुमन हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और बिहार विधान परिषद सदस्य हैं
- वे दलित और पिछड़े वर्गों के मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को शानदार जीत मिली है. नीतीश कुमार की नई सरकार में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के नेता संतोष कुमार सुमन एक बार फिर मंत्री बने हैं. यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा. संतोष सुमन HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. वे दलित और पिछड़े वर्गों के मुद्दों पर मुखर रहते हैं.
संतोष सुमन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और HAM के संस्थापक जीतन राम मांझी के पुत्र हैं. पिता की लोकप्रियता और अनुभव ने सुमन को राजनीति में मजबूत आधार दिया है. जीतन राम मांझी ने पार्टी की कमान भी उन्हें सौंप रखी है.
शिक्षा और प्रोफेशनल बैकग्राउंड
सुमन पढ़े-लिखे नेता माने जाते हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए किया, UGC-NET पास किया और मगध विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री ली है. राजनीति में आने से पहले वे लेक्चरर और सोशल वर्कर रहे हैं. यह शैक्षणिक पृष्ठभूमि उन्हें नीतियों को समझने और सामाजिक मुद्दों पर प्रभावी काम करने में मदद करती है.
कैसा रहा है राजनीतिक सफर?
संतोष सुमन ने HAM को जमीनी स्तर पर मजबूत किया है. मंत्री रहते हुए उन्होंने अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग में काम किया है. 2023 में उन्होंने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देकर सुर्खियां बटोरीं थी, जब उन्होंने पार्टी की स्वतंत्र पहचान को बचाने के लिए दबाव का विरोध किया था.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में HAM का प्रदर्शन भले ही बहुत बड़ा न रहा हो, पर राजनीतिक तौर पर यह पार्टी गठबंधन की संभावित स्थिति तय करने में महत्वपूर्ण बनी रही.














