निशांत कुमार संभालें JDU... नीतीश कुमार के बेटे के सामने संजय झा ने दिया बयान, देखें VIDEO

बिहार पर नीतीश कुमार के शासन को 20 साल हो चुके हैं. मगर इसके बाद भी हर कोई उन्हें ही सीएम पर देखना चाहता है. यहां तक की उनकी पार्टी भी उनका विकल्प नहीं ढूंढ पा रही. JDU को समझा आ गया है कि नीतीश कुमार की जगह सिर्फ उनके बेटे निशांत कुमार ही ले पाएंगे.

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  • नीतीश कुमार की उम्र और स्वास्थ्य को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
  • जदयू में कई नेताओं ने नंबर दो की भूमिका निभाई, पर कोई भी नीतीश कुमार के बराबर लोकप्रियसाबित नहीं हो पाया.
  • 2025 चुनाव से पहले जदयू में निशांत कुमार को राजनीति में लाने की मांग उठी, लेकिन यह टल गया.
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2025 में नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं. मगर, चुनाव में भी उनके स्वास्थ्य और उम्र का मुद्दा उठता रहा. सरकार बनने के बाद जब नीतीश कुमार ने गृह मंत्रालय बीजेपी को दिया तो विपक्ष की ओर से उनकी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाए गए. हालांकि, चुनाव के दौरान ताबड़तोड़ रैलियां कर नीतीश कुमार पहले ही अपनी हेल्थ का प्रूफ दे चुके हैं, मगर वो उम्र के उस पड़ाव पर तो पहुंच ही चुके हैं, जहां उनसे बहुत लंबी पारी की उम्मीद नहीं की जा सकती. जदयू में नीतीश कुमार ने बाद नंबर टू की पोजीशन पर उपेंद्र कुशवाहा से लेकर मनीष कुमार वर्मा, प्रशांत किशोर, ललन सिंह और आरसीपी सिंह तक रहे पर कोई भी नंबर वन नीतीश कुमार के समकक्ष अपनी उपयोगिता या लोकप्रियता साबित नहीं कर पाया.

क्या नीतीश कुमार राजी

2025 विधानसभा चुनाव से पहले ही जदयू में ये मांग साफ तौर पर उठने लगी कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को पॉलिटिक्स में एंट्री दी जाए और उनके नाम पर चुनाव लड़ा जाए, लेकिन बातें सिर्फ बातें ही रह गईं. ना तो कभी नीतीश कुमार ने इस पर कुछ कहा और ना ही निशांत कुमार ने. पार्टी के अन्य लोगों ने भी वैसे तो बयान दिए, लेकिन कभी नीतीश कुमार या निशांत कुमार के सामने ऐसी बातें सार्वजनिक रूप से नहीं की. अटकलें तब और लगीं, जब निशांत कुमार को पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ ज्यादा देखा जाने लगा. मगर फिर कोई फैसला नहीं हुआ तो लगा कि शायद नीतीश कुमार ही नहीं चाहते कि निशांत पॉलिटिक्स में आएं. जिस परिवारवाद के खिलाफ वो जीवन भर लड़े, खुद कैसे उसी काम को वो कर सकते हैं, मगर शायद पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की मांग के साथ-साथ अपनी बनाई पार्टी की मजबूरी को देखते हुए नीतीश कुमार राजी हो गए हैं.

नीतीश कुमार कैसे हुए राजी

नीतीश कुमार राजी हो गए हैं, ये कैसे कहा जा सकता है? ये सवाल गंभीर है, क्योंकि उन्होंने तो खुलकर कुछ नहीं कहा, मगर आज जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने खुलकर कह दिया. वो भी निशांत कुमार के सामने. निशांत कुमार पत्रकारों को बता रहे थे कि उनके पिता ने जैसे पीछे नौकरियां दी हैं, वैसे ही इस बार भी नौकरी देंगे और जनता का विश्वास जीतेंगे. पास खड़े संजय झा ने तपाक से कह दिया कि जदयू के कार्यकर्ता और नेता सभी चाहते हैं कि निशांत कुमार पार्टी में काम करें और इसे आगे बढ़ाएं. जाहिर है निशांत के सामने ये बयान संजय झा ने बगैर नीतीश कुमार की मर्जी के तो नहीं ही दिया होगा. 

संजय झा निशांत कुमार का वीडियो

हालांकि, जितना संजय झा ने ये बयान देकर चौंकाया, उतना ही निशांत कुमार के रिएक्शन ने चौंकाया. वो बगैर कोई जवाब दिए आगे बढ़ गए. इससे लगता है कि नीतीश कुमार को अब लगने लगा है कि उनकी पार्टी को निशांत कुमार ही संभाल सकते हैं. कार्यकर्ता और पार्टी के सीनियर नेता भी निशांत को अपनाने के लिए तैयार हैं, मगर निशांत ही तैयार नहीं दिख रहे. अगर वो तैयार होते तो शायद 2025 विधानसभा चुनाव में ही पार्टी उन्हें लॉन्च कर देती, मगर शायद उन्होंने इनकार कर दिया. अब संजय झा का ये बयान वो भी निशांत कुमार के सामने ये बताने के लिए काफी है कि पार्टी के नेता अब निशांत कुमार पर दबाव बना रहे हैं, जिससे वो जल्द से जल्द फैसला ले सकें. हालांकि, ये तय तो नीतीश कुमार और निशांत ही करेंगे कि उनकी एंट्री कब और कैसे होगी.  

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