बिहार SIR पर मचे बवाल के बीच बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी कर चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि जिन 65 लाख लोगों के नाम काटे गए, उसकी लिस्ट कारण सहित वेबसाइट पर अपलोड करें. कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग ने इसे जारी भी कर दिया है. अब इस लिस्ट में जिन लोगों का नाम गलत तरीके से कट गया है, वो फॉर्म-16 देकर अपना नाम जुड़वा सकते हैं. कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने नाम जुड़वाने की प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव करते हुए अब आधार कार्ड को वैलिड डॉक्यूमेंट के लिए स्वीकार कर लिया है. इसका मतलब है कि अब आधार कार्ड देकर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाया जा सकता है.
दरअसल निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि बिहार की मसौदा मतदाता सूची से बाहर रह गए लोग मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए अपने आधार की प्रति जमा कर सकते हैं. उच्चतम न्यायालय ने आयोग को पहचान के प्रमाण के रूप में आधार को स्वीकार करने का निर्देश दिया था.
एक बयान में निर्वाचन आयोग ने कहा कि नियमों के अनुसार, दावों और आपत्तियों का निपटारा संबंधित निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी द्वारा किया जाएगा, लेकिन पात्रता दस्तावेज़ों के सत्यापन के कम से कम सात दिन बाद ही.
बयान में निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) आदेशों के अनुसार, एक अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची से किसी भी नाम को तब तक हटाया नहीं जा सकता, जब तक कि निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा जांच कर उचित और न्यायसंगत अवसर देने के बाद स्पष्ट रूप से कारण बताने वाला आदेश पारित न किया जाए.
मसौदा सूची से बाहर रखे गए 65 लाख लोगों की सूची बिहार के जिलाधिकारियों की वेबसाइटों पर उपलब्ध है. आयोग ने कहा, "पीड़ित व्यक्ति अपने आधार कार्ड की एक प्रति के साथ अपने दावे प्रस्तुत कर सकते हैं."