बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि आने वाले दिनों में राजनीतिक लड़ाई 'नागपुर और नालंदा के बीच' होगी. उन्होंने नालंदा में एक दंत चिकित्सा कॉलेज एवं अस्पताल के उद्घाटन समारोह में यह बाच कही, जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे. नागपुर में जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय है, वहीं नालंदा प्राचीन समय में शिक्षा के लिए प्रसिद्ध था.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता ने कहा, "हमारे मुख्यमंत्री बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे की मांग करते रहे. हम मांग को दोहराते रहे. लेकिन हमें कुछ नहीं मिला. कुछ लोग बिहार से नफरत करने लगते हैं."
उन्होंने कहा, "हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि नालंदा वह भूमि रही है, जहां विश्व का पहला विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया. आने वाले दिनों में (राजनीतिक) लड़ाई नालंदा और नागपुर के बीच होगी. आप सभी जानते हैं कि कैसे नागपुर वाले समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश करते हैं, एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा करते हैं."
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कहा कि विशेष उच्च अध्ययन के लिए नालंदा में एक आधुनिक विश्वविद्यालय स्थापित करने की उनकी इच्छा रही है. उन्होंने इस दिशा में परियोजना के आगे नहीं बढ़ने को लेकर, किसी का नाम लिए बिना, नरेन्द्र मोदी सरकार को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा, "जब तक ये रहेंगे, तब तक तो कोई उम्मीद नहीं ही है. लेकिन जब इनसे मुक्ति मिलेगी, तो नालंदा विश्वविद्यालय बहुत अच्छा ही बनेगा, जैसा हम चाहते थे."
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