बिहार में इस साल 100 से अधिक भ्रष्ट अधिकारी गिरफ्तार, करोड़ों की नकदी बरामद

निगरानी ब्यूरो के डीजी जीएस गंगवार ने बताया कि 2025 में ट्रैप की 101 कार्रवाई हुई. 2024 में सिर्फ 8, 2023 में 29 और 2022 में ट्रैप की 50 कार्रवाई हुई थी. 

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बिहार में इस साल भ्रष्ट अधिकारियों की बढ़ी आफत
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  • बिहार में इस वर्ष भ्रष्टाचार के मामलों में निगरानी ब्यूरो ने 107 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
  • इस साल पहली बार निगरानी ब्यूरो ने एक ही दिन चार अलग-अलग जगहों पर ट्रैप की कार्रवाई की।
  • विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति मामले में 14 करोड़ से अधिक नकदी और करोड़ों के जेवरात बरामद किए।
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पटना:

बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों पर इस साल सबसे अधिक कार्रवाई हुई है. विजिलेंस ब्यूरो और स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने इस साल भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की है. बिहार में इस साल 107 भ्रष्ट सरकारी कर्मियों को निगरानी ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है. इन कर्मियों से 37 लाख 80 हजार 300 रुपए रिश्वत की राशि भी बरामद की गई है. इस साल पहली बार ऐसा हुआ जब निगरानी ब्यूरो ने 27 अगस्त को 4 अलग - अलग जगहों पर ट्रैप की कार्रवाई की. 

14 करोड़ से अधिक की नकदी बरामद

वहीं विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई करते हुए भ्रष्ट अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी कर 14 करोड़ से अधिक नकदी बरामद की. वहीं 2 करोड़ 24 लाख 75 हजार के जेवरात बरामद किए. वहीं विशेष निगरानी इकाई ने ट्रैप की 13 कार्रवाई की, इसमें 6 लाख 49 हजार रुपए रिश्वत की राशि के साथ 15 लोगों को गिरफ्तार किया. निगरानी ब्यूरो ने भी आय से अधिक संपत्ति मामले में 15 अधिकारियों पर कार्रवाई की है. इसमें 12 करोड़ 77 लाख की अवैध संपत्ति पकड़ी गई है. हालांकि जांच पूरी होने के बाद यह राशि और ज्यादा बढ़ सकती है. 

नियोजित शिक्षक मामले में अब तक दर्ज हुई 1711 एफआईआर

नियोजित शिक्षकों से जुड़े मामले की जांच के बारे में डीजी गंगवार ने कहा कि 2016 से यह जांच चल रही है. अब तक शिक्षा विभाग ने 6 लाख 56 हजार 595 सर्टिफिकेट निगरानी ब्यूरो को जांच के लिए दे चुकी है. इसकी जांच में अब तक 1711 एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 2916 शिक्षकों को अभियुक्त बनाया गया है. इस वर्ष 130 एफआईआर दर्ज की गई है.

इस साल सबसे अधिक कार्रवाई

निगरानी ब्यूरो के डीजी जीएस गंगवार ने बताया कि 2025 में ट्रैप की 101 कार्रवाई हुई. 2024 में सिर्फ 8, 2023 में 29 और 2022 में ट्रैप की 50 कार्रवाई हुई थी. पिछले 25 साल के दौरान FIR की औसत 72-73 थी, इस साल यह 122 पहुंच गई. यह विभाग की सक्रिय मॉनिटरिंग से संभव हुआ है. 

राजस्व और पुलिस विभाग में सबसे अधिक भ्रष्टाचार 

2025 में राजस्व और भूमि सुधार विभाग के कर्मियों पर 28 ट्रैप की कार्रवाई हुई. वहीं पुलिस के 19 कर्मियों पर ट्रैप की कार्रवाई हुई. शिक्षा विभाग के 7 कर्मियों पर ट्रैप की कार्रवाई हुई. 

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