Masaurhi Assembly Election: बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से एक, मसौढ़ी विधानसभा सीट राजधानी पटना जिले के अंतर्गत आती है और पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. राजनीतिक रूप से यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मजबूत गढ़ के रूप में उभरी है, जहां पिछले दो चुनावों से RJD की रेखा देवी लगातार जीत दर्ज कर रही हैं. यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है.
सीट का परिचय
मसौढ़ी सीट पर शुरू से ही राजनीतिक समीकरण काफी दिलचस्प रहे हैं. यह सीट 1957 में बनी थी और 2008 में परिसीमन के बाद इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया. इस क्षेत्र में मुख्य रूप से यादव और दलित मतदाताओं का दबदबा माना जाता है. RJD की सफलता में यादव-दलित समीकरण की अहम भूमिका रही है. पिछले चुनावों में यह सीट कांग्रेस, सीपीआई, जनता दल और JD(U) जैसी पार्टियों के बीच भी घूमती रही है.
पिछली हार जीत
साल 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पार्टी ने जीत हासिल की थी. पार्टी की रेखा देवी ने जेडीयू की नूतन पासवान को 32,227 वोटों के अंतर से हराया था. रेखा देवी को 98,696 वोट हासिल हुए थे. वहीं साल 2015 के चुनावों में जीत का अंतर 39,186 वोटों का था. हालांकि, साल 2010 के विधानसभा इलेक्शन में अरुण मांझी ने एलजेपी के अनिल कुमार को हराकर इस सीट पर कब्जा किया था.
क्या मुद्दे रहे हैं
मसौढ़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर बड़े अस्पताल की कमी है. गंभीर मामलों में मरीजों को पटना रेफर कर दिया जाता है. वहीं, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिसकी वजह से अभिभावक अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए शहरों की ओर भेजने को मजबूर हैं. यह क्षेत्र कृषि आधारित है, लेकिन सिंचाई की व्यवस्था लचर बनी हुई है. सरकारी साधन और नहरों के अभाव में किसानों को प्राइवेट पंप सेट पर निर्भर रहना पड़ता है.