एमरजेंसी के दौरान जेल में बंद रहे नेताओं को दी जाने वाली पेंशन के लिए लालू प्रसाद यादव ने अर्ज़ी दी थी
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
लालू ने '75 में कैद किए गए नेताओं को मिलने वाली पेंशन के लिए अर्ज़ी दी थी
आरजेडी प्रमुख एमरजेंसी के दौरान छात्र नेता के रूप में जेल भेजे गए थे
वैसे, बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस पेंशन के हकदार हैं
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की भागीदारी से चल रही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने तय किया है कि दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके लालू वर्ष 2009 में शुरू की गई 'जेपी सेनानी सम्मान' पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन पाने के हकदार हैं. गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव के अतिरिक्त मौजूदा सीएम नीतीश कुमार भी उन राजनेताओं में शामिल हैं, जो लोकनायक कहे जाने वाले जयप्रकाश नारायण (जेपी) के नेतृत्व में चलाए गए विपक्षी आंदोलन में भाग लेने के चलते एमरजेंसी के दौरान जेल में बंद किए गए थे.
उस समय छात्र नेता रहे लालू प्रसाद यादव को आंतरिक सुरक्षा कानून (मीसा) के तहत जेल में बंद किया गया था, जिसके तहत बहुत-से अन्य विपक्षी नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया था. लालू प्रसाद यादव ने बाद में अपनी सबसे बड़ी बेटी का नाम भी मीसा ही रखा था.
राज्य गृह विभाग के अधिकारियों के हवाले से समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने बताया कि लालू प्रसाद यादव 10,000 रुपये की इस पेंशन के हकदार तब बने, जब वर्ष 2015 में योजना में संशोधन किया गया था. संशोधित योजना के अंतर्गत जेपी आंदोलन के दौरान छह महीने तक जेल में बंद रहे नेताओं को 5,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी, और उससे ज़्यादा अवधि तक जेल में बंद रहने वाले नेताओं को 10,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी.
अधिकारियों ने जानकारी दी कि योजना के अंतर्गत 3,100 पेंशनर लाभान्वित हो रहे हैं. राज्य के वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता सुशील कुमार मोदी भी इस योजना के तहत पेंशन के अधिकारी हैं, लेकिन वह यह रकम नहीं ले रहे हैं.
Featured Video Of The Day
Pahalgam Attack: Pakistan ने LoC पर लगातार सातवें दिन तोड़ा Ceasefire; India ने दिया करारा जवाब