- लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी कल राउज एवेन्यू कोर्ट में IRCTC होटल घोटाले में पेश होंगे
- मामला 2004 से 2009 के दौरान IRCTC के BNR होटल ठेका प्रकरण से जुड़ा है, जिसमें भ्रष्टाचार और साजिश के आरोप हैं
- CBI ने आरोप लगाया है कि टेंडर में हेराफेरी कर सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमि. को अनुचित लाभ दिलाया गया था
RJD सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव कल 13 अक्टूबर 2025 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होंगे. यह पेशी IRCTC होटल घोटाला मामले से जुड़ी है, जिसमें सीबीआई ने लालू परिवार सहित कई अन्य लोगों पर भ्रष्टाचार, साजिश और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं. कोर्ट कल यह तय करेगी कि आरोप तय किए जाएं या नहीं, यानी यह तय होगा कि मामला ट्रायल स्टेज में जाएगा या नहीं. यह सुनवाई ऐसे समय में हो रही है जब बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज है और हर राजनीतिक दल इस मामले को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रहा है.
मामला क्या है?
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री थे. इस दौरान भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी IRCTC को BNR होटल, पुरी और BNR होटल, रांची के संचालन और रखरखाव के लिए निजी कंपनियों को ठेका देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. सीबीआई की जांच के अनुसार, इस टेंडर प्रक्रिया में कथित रूप से हेराफेरी की गई ताकि सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को ठेका मिल सके. बदले में, उस कंपनी ने लालू परिवार से जुड़ी एक बेनामी कंपनी को कीमत से कहीं कम दाम पर जमीन दी. यह जमीन पटना में स्थित बताई जाती है और उसके स्वामित्व को लेकर भी विवाद चल रहा है।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि इस पूरे प्रकरण में “लेन-देन के बदले फायदा” की स्पष्ट स्थिति बनती है. एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, आपराधिक साजिश (IPC की धारा 120B) और धोखाधड़ी से जुड़ी धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं. दूसरी ओर, लालू परिवार का कहना है कि यह पूरा मामला राजनीतिक साजिश है और इसमें कोई ठोस साक्ष्य नहीं हैं. उनका तर्क है कि यह जांच विपक्ष को कमजोर करने और चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल बदलने की कोशिश है.
सुनवाई और अब तक की प्रक्रिया
इस मामले में पहले कोर्ट ने 29 मई 2025 को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. बाद में तकनीकी कारणों से आदेश की तिथि आगे बढ़ा दी गई और 13 अक्टूबर 2025 को नया दिन तय किया गया. कोर्ट ने सभी आरोपियों लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित अन्य को शारीरिक रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. इस निर्देश के बाद पूरा लालू परिवार दिल्ली रवाना हो गया है, जहां कल अदालत में पेशी होगी. सूत्रों के अनुसार, कोर्ट पहले यह तय करेगी कि आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं या नहीं. अगर कोर्ट को लगता है कि प्राथमिक रूप से साक्ष्य पर्याप्त हैं, तो आरोप तय होंगे और मामला ट्रायल कोर्ट को भेजा जाएगा.
क्या हो सकता है परिणाम?
अगर आरोप तय होते हैं तो मामला ट्रायल कोर्ट में जाएगा, जहां गवाहों की गवाही, सबूतों की जांच और बहस होगी. अगर ट्रायल में आरोप सिद्ध होते हैं, तो दोषियों को संबंधित धाराओं के तहत अधिकतम 7 वर्ष तक की सजा हो सकती है. अगर आरोप तय नहीं होते:तो इसका मतलब यह होगा कि कोर्ट को पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं और आरोपियों को राहत मिल सकती है. इससे लालू परिवार को एक बड़ी राजनीतिक और नैतिक जीत मिल सकती है. राजनीतिक प्रभाव:बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में यह फैसला राज्य की राजनीति को गहराई से प्रभावित कर सकता है. अगर लालू परिवार को राहत मिलती है, तो यह राजद और महागठबंधन के लिए चुनावी तौर पर बड़ा लाभ साबित हो सकता है. वहीं अगर कोर्ट आरोप तय करने का आदेश देती है, तो विपक्ष इसे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजद के खिलाफ प्रचार में इस्तेमाल करेगा.
चुनावी मौसम में बढ़ी हलचल
तेजस्वी यादव इस समय बिहार में महागठबंधन का चेहरा हैं और उनकी छवि युवा व विकासशील नेता के रूप में बनाई जा रही है. मगर इस मामले में कोर्ट की अगली कार्रवाई उनके राजनीतिक भविष्य के लिए अहम मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि “IRCTC घोटाला केस” अब सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं रहा, बल्कि यह बिहार की सियासत में नैरेटिव तय करने वाला मुद्दा बन गया है.राजद के समर्थक इसे “सत्ता पक्ष द्वारा विपक्ष को दबाने का प्रयास” बता रहे हैं, जबकि भाजपा और जदयू इसे “भ्रष्टाचार की विरासत” कहकर जनता के सामने मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
कल पर टिकी सबकी नजर
अब सबकी निगाहें 13 अक्टूबर 2025 पर टिकी हैं, जब राउज एवेन्यू कोर्ट यह तय करेगी कि आरोप तय होंगे या नहीं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह फैसला बिहार के राजनीतिक समीकरण को झकझोर सकता है. यदि कोर्ट में लालू परिवार को राहत मिलती है, तो राजद खेमे में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलेगा. लेकिन अगर मामला ट्रायल तक गया, तो यह आने वाले चुनाव में सत्ता पक्ष के लिए बड़ा नैरेटिव हथियार बन सकता है. IRCTC होटल घोटाला केस सिर्फ अदालत का मामला नहीं रह गया है — यह अब कानूनी, राजनीतिक और जनभावनाओं का त्रिकोण बन गया है. 13 अक्टूबर का दिन यह तय करेगा कि लालू परिवार के लिए यह राहत का दिन होगा या कठिन ट्रायल की शुरुआत.