बिहार में जमाई आयोग का गठन कर देना चाहिए, तेजस्वी का नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को 'जमाई आयोग' बनाने की सलाह इसलिए दी, क्योंकि बिहार सरकार की तरफ से अलग-अलग आयोगों में सत्ता पक्ष के कई नेताओं के दामादों को नियुक्त किया गया है.

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पटना:

बिहार में विधानसभा चुनाव में अब महज कुछ ही महीने बचे हैं. ऐसे में चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने बीते कुछ दिनों में आयोग, बोर्ड और निगम का पूर्णगठन किया है और गठबंधन से जुड़े कई खास नेताओं को इसमें एडजस्ट किया गया है. अब इसको लेकर बिहार की सियासत काफी गर्म हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश सरकार पर बड़ा निशाना साधा. तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के नेताओं के परिवार के सदस्यों को सरकार ने आयोगों में एडजस्ट किया गया है. उन्होंने सरकार को यहां तक सलाह दे डाली कि बिहार में 'जमाई आयोग' का गठन कर देना चाहिए.

तेजस्वी यादव ने लगाए गंभीर आरोप 

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को 'जमाई आयोग' बनाने की सलाह इसलिए दी, क्योंकि बिहार सरकार की तरफ से अलग-अलग आयोगों में सत्ता पक्ष के कई नेताओं के दामादों को नियुक्त किया गया है. उन्होंने सवाल उठाया कि रामविलास पासवान के दामाद मृणाल पासवान, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल को सरकार ने विभिन्न आयोगों और बोर्डों में जगह दी.

तेजस्वी यादव ने जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा को लेकर भी बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि संजय झा की दोनों पुत्रियों को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बनाया है, जो कि एक अत्यंत अनुभवी अधिवक्ताओं का पद होता है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि संजय झा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर दोनों बेटियों को महत्वपूर्ण पद दिलवाए.

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी को महिला आयोग का सदस्य बना दिया गया है. उन्होंने तंज कसा कि "अब अधिकारी भी मलाई खा रहे हैं और अपनी पत्नियों को आयोगों में एडजस्ट करवा रहे हैं."

तेजस्वी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या नीतीश कुमार वाकई अब निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हैं, या यह सबकुछ उनकी सहमति से हो रहा है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सचिव रिटायर्ड होने के बाद भी पद पर बने हुए हैं, और उनकी पत्नी को भी महिला आयोग में एडजस्ट किया गया.

अशोक चौधरी का जवाब 

बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आरोपों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि सायन कुणाल को उनके दामाद होने की वजह से नहीं, बल्कि उनकी योग्यता के आधार पर बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद में सदस्य बनाया गया है. सायन कुणाल, पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल के पुत्र हैं.

अशोक चौधरी ने लोजपा के संस्थापक स्व. रामविलास पासवान के दामाद मृणाल पासवान का भी बचाव किया, जिन्हें हाल ही में बिहार अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. हालांकि, हम पार्टी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी, जिन्हें अनुसूचित आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है, उनके बचाव में अशोक चौधरी कुछ नहीं बोले.

बीजेपी की प्रतिक्रिया 

इस मुद्दे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी यादव इस तरह का बयान देकर भीमराव अंबेडकर के अपमान से ध्यान भटकाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जब तक तेजस्वी माफी नहीं मांगते, भाजपा कोई प्रतिक्रिया नहीं देगी. तेजस्वी यादव के आरोपों ने बिहार की सियासत में नई बहस छेड़ दी है. उनके आरोपों का सीधा निशाना नीतीश सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया पर है, जिसमें कथित तौर पर सत्ता पक्ष से जुड़े नेताओं के रिश्तेदारों को प्राथमिकता दी गई है. हालांकि, सत्ता पक्ष ने इन नियुक्तियों को योग्यता आधारित बताया है. इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक हमले और जवाबी हमले और भी तेज़ होंगे.

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