बिहार की राजधानी पटना में, सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच (Patna Medical College and Hospital) में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म हो गई है. स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार से सफल बातचीत के बाद डॉक्टरों की मांगों को लिखित रूप से स्वीकार कर लिया गया है. इसके साथ ही सभी चिकित्सीय सेवाएं तत्काल प्रभाव से बहाल कर दी गई हैं.
क्या थी JDA की मांगें?
जूनियर डॉक्टरों का कहना था कि वे पिछले दो साल से अपनी समस्याओं को सरकार के सामने रख रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. उनकी मुख्य मांगों में शामिल हैं:
- बॉन्ड सेवा की अवधि घटाना: बॉन्ड सेवा की अवधि को घटाकर सिर्फ एक साल किया जाए.
- वेतन वृद्धि: काम के बोझ के हिसाब से सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का वेतन बढ़ाया जाए.
- मेरिट के आधार पर पोस्टिंग: बॉन्ड पोस्टिंग मेरिट और विशेषज्ञता के आधार पर होनी चाहिए.
- बॉन्ड अवधि में वेटिंग पीरियड को शामिल करना: रिजल्ट घोषित होने और पोस्टिंग मिलने के बीच के समय को बॉन्ड अवधि में गिना जाए.
- इस्तीफे पर वेतन की सुरक्षा: अगर कोई बॉन्ड अवधि पूरी होने से पहले इस्तीफा देता है, तो उससे अर्जित वेतन वापस न लिया जाए.
- सीनियर रेजिडेंसी में बॉन्ड सेवा को शामिल करना: बॉन्ड सेवा को सीनियर रेजिडेंसी अनुभव में जोड़ा जाए.
एसोसिएशन ने DMCH, NMCH, JLNMCH व अन्य मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों के समर्थन के लिए आभार जताया है. साथ ही आंदोलन को आवाज देने में मीडिया की भूमिका और IMA-JDN, FAIMA, BHSA की एकजुटता की सराहना की है.
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