बिहार: नालंदा में साइबर क्राइम के 4 अपराधी गिरफ्तार, लॉटरी और लोन के नाम पर कर रहे थे ठगी

नालंदा के पुलिस अधीक्षक भारत सोनी ने बताया कि लगातार मिल रही सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई. गिरफ्तार साइबर ठग सोशल साइट के माध्यम से लिंक भेजकर, लॉटरी खेलने और लोन दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगी करते थे. (रवि रंजन की रिपोर्ट)

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बिहारशरीफ:

बिहार के नालंदा जिला के मानपुर थाना क्षेत्र से पुलिस ने गुरुवार को साइबर ठगी के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया. इनके पास से 36.78 लाख रुपये, सोने, चांदी के आभूषण सहित 15 मोबाइल भी बरामद किए गए. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने यूट्यूब से साइबर ठगी का तरीका सीखा और फिर अपराध को अंजाम दिया.

राष्ट्रीय क्राइम पोर्टल से मिले संदिग्ध नम्बरों की जांच कर नालंदा पुलिस ने साइबर फ्रॉड गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस टीम ने मानपुर थाना क्षेत्र के डम्बर बिगहा गांव में छापेमारी 36,78,155 रुपया नगदी व जेवर संग चार साइबर फ्रॉडों को गिरफ्तार कर लिया। मौके से नगदी के अलावा 15 मोबाइल, 4 एटीएम कार्ड, 1 प्रिंटर, 3 सिम, 1 लैपटॉप व अन्य सामान बरामद हुआ। छापेमारी में सदर डीएसपी नूरुल हक, साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी ज्योति प्रकाश, मानपुर थानाध्यक्ष सुमन कुमार, डीआईयू के अधिकारी व अन्य सुरक्षाकर्मी शामिल थे.

साइबर थाना पुलिस ने मानपुर थाना इलाके के डमर बिगहा गांव में छापेमारी कर चार शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार लोगों में मानपुर थाना के डमर बिगहा निवासी रोहित कुमार, नीतीश कुमार, दयानंद और परवलपुर थाना क्षेत्र के शिवचक निवासी धर्मेंद्र कुमार शामिल हैं.

नालंदा के पुलिस अधीक्षक भारत सोनी ने बताया कि लगातार मिल रही सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई. गिरफ्तार साइबर ठग सोशल साइट के माध्यम से लिंक भेजकर, लॉटरी खेलने और लोन दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगी करते थे.

उन्होंने बताया कि लॉटरी का ड्रॉ हर दिन निकालने की बात कही जाती थी और इनाम से पहले ऑनलाइन रुपये मंगाए जाते थे. यहां तक कि लोन दिलाने के नाम पर भी ठगी की जाती थी. ठगी के बाद मोबाइल और सोशल साइट पर जारी वेबसाइट को बंद कर दिया जाता था.

एसपी के मुताबिक, आरोपियों के घरों की तलाशी में साइबर अपराध से अर्जित कैश, गहने, अपराध में इस्तेमाल मोबाइल समेत कई अन्य सामान जब्त किए गए हैं. उन्होंने बताया कि ठगी के पैसों को निकालकर गहने तथा अन्य सामग्री खरीदी जाती थी. इन लोगों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ था.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शातिर भोले-भाले युवाओं को रोजगार दिलाने के नाम पर साइबर ठगी का तरीका सिखाते थे और उनसे कमीशन भी वसूल करते थे. इनके पास से 36,78,155 रुपये, 15 मोबाइल, एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, तीन सिम और 4 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहने भी बरामद किए गए हैं.