बिहार और झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कई ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई कांस्टेबल भर्ती एग्जाम के पेपर लीक मामले को लेकर की गई है. राजधानी पटना और झारखंड के कई ठिकानों पर ईडी ने कार्रवाई की है. सूत्रों के मुताबिक, पटना में डॉक्टर शिव नाम के एक आरोपी के ठिकाने पर ईडी की टीम की तरफ से कार्रवाई की गई. वहीं, झारखंड की राजधानी रांची में सिकंदर प्रसाद यादवेंद्र के घर भी छापेमारी की गई. दोनों पर पेपर लीक गैंग से सीधे तौर पर जुड़े होने का संदेह जताया गया है.
क्या है बिहार कांस्टेबल भर्ती घोटाला
बिहार में पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए 2023 में एग्जाम आयोजित किया गया था. पूरे राज्य में लाखों युवा इस भर्ती प्रक्रिया की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन यह परीक्षा पेपर लीक, ब्लूटूथ गैंग और फर्जी अभ्यर्थियों के जाल में बुरी तरह फंस गई थी.
150 से अधिक गिरफ्तारी, 74 FIR दर्ज
ईडी के साथ-साथ इस मामले की जांच EOU (आर्थिक अपराध इकाई) की तरफ से भी की जा रही है. जांच के लिए बनाई गई एसआईटी ने अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें ब्लूटूथ से नकल कराने वाले गैंग, परीक्षा केंद्र कर्मी और फर्जी अभ्यर्थी शामिल हैं. इस मामले में 74 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, और जांच का दायरा लगातार बढ़ रहा है.
ब्लूटूथ और हाईटेक सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश
जांच में पता चला कि कई परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों ने ब्लूटूथ डिवाइस और स्कैनर जैसे हाईटेक उपकरणों की मदद से बाहर बैठे सॉल्वरों से प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए. जमुई, बेगूसराय, सहरसा जैसे जिलों में सक्रिय गिरोह ₹3 से ₹7 लाख तक लेकर सॉल्वर उपलब्ध करवा रहे थे.
फिजिकल टेस्ट में भी खुली पोल, 462 फर्जी पकड़े गए
केवल लिखित परीक्षा ही नहीं, फिजिकल टेस्ट यानी PET में भी फर्जीवाड़ा सामने आया. 9 दिसंबर 2024 से मार्च 2025 तक हुए शारीरिक परीक्षण में कुल 462 ऐसे अभ्यर्थी पकड़े गए जो किसी और की जगह दौड़ और अन्य शारीरिक मानकों की परीक्षा देने आए थे. इनमें से 84 को जेल भेजा जा चुका है.
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