छठ के महापर्व में बिहार जाने के लिए ट्रेनों में चढ़ने के लिए जिस तरह की मारामारी देखी जा रही थी वैसी ही स्थिति अब बिहार से देश के अलग-अलग हिस्सों में वापस जाने के लिए देखी जा रही है. आलम कुछ ऐसा है कि लोगों को घर से लौटने के लिए कई कई महीनों तक कंफर्म टिकट नहीं मिल रहे हैं. जिन लोगों ने पहले ही घर से वापसी का टिकट कटा लिया था वह ट्रेनों में बेतहाशा भीड़ की वजह से कंफर्म टिकट होने के बाद भी ट्रेन में चढ़ नहीं पा रहे. ट्रेनों के अंदर लोग ऐसे ठूंसे हुए हैं कि आप बर्थ (सीट) और बाथरूम के बीच का फर्क नहीं कर पाएंगे. स्थिति कितनी भयावह है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि लोग ट्रेन के गेट पर खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर हैं. कई ट्रेनों में तो स्लीपर क्लास और AC क्लास तक की बोगियों में लोग भरे पड़े हैं. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जनरल बोगियों का क्या हो रहा होगा? और इन बोगियों में यात्रा करने वाले की स्थिति बेहद खौफनाक है.लोग कई कई घंटों तक एक जगह पर बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं. NDTV के रवि रंजन ने बिहार से लौट रहे ऐसे ही कुछ यात्रियों से बात की और उनसे ये जानने की कोशिश भी की कि आखिर वो किस तरह की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं.
"बोगी की अंदर सांस लेने की तक की जगह नहीं है"
नालंदा से दिल्ली लौटने की कोशिश कर रहे मुन्नी खातून ने बताया कि हमारे इलाके से सिर्फ श्रमजीवी एक्सप्रेस ही एकमात्र ट्रेन है जिससे हम वापस लौट सकते हैं. लेकिन इसमें जैसी भीड़ है उसे देखते हुए तो ऐसा ही लगता है कि हम इस ट्रेन में घुस भी नहीं पाएंगे. हमारे कुछ साथी किसी तरह से ट्रेन के अंदर घुसे थे लेकिन अंदर बोगी में सुई रखने तक की जगह नहीं है. ऐसे में बच्चों के लेकर इतना लंबा सफर करना बहुत मुश्किल है.
AC का है टिकट लेकिन जनरल बोगी में सफर करने को हैं मजबूर
वहीं, दिल्ली जाने के लिए स्टेशन पर आए पंकज कुमार ने NDTV से कहा कि मेरे पास श्रमजीवी एक्सप्रेस में AC थ्री टियर का टिकट है लेकिन बोगी में इतने लोग भरे हुए हैं कि मैं अपनी सीट तक पहुंचना दूर मैं उस बोगी में घुस तक नहीं पाया. इससे पहले कि ट्रेन स्टेशन से निकल जाए मेरे एक ही विकल्प बचता है और वो है जनरल बोगी का. देखते हैं मैं कैसे जा पाता हूं.
ट्रेन शौचालय में भी भरे हुए हैं लोग
बिहार से आने वाली ज्यादातर ट्रेनों की स्थिति एक जैसी ही है. क्या जनरल बोगी क्या स्लीपर क्लास और क्या ही एसी बोगी. सभी में लोग ठूंसे हुए हैं. स्थिति इतनी खराब है कि यात्री ट्रेन के शौचालय में बैठकर यात्रा करने को मजबूर है. यात्रियों की इस भीड़ से रेलवे भी वाकिफ है. यही वजह है कि भीड़ कम करने के लिए कई स्पेशल गाड़ियां चला रहा है लेकिन इसके बावजूद भी भीड़ कम नहीं हो रही है.
"भीड़ की वजह से 25 फीसदी यात्री ट्रेन में घुस ही नहीं पाए"
ट्रेन में भीड़ को लेकर एक अन्य यात्री ने NDTV से कहा कि स्थिति बहुत डरावनी है. ट्रेन में इतनी भीड़ हमने कभी नहीं देखी थी. आलम ये है कि जिनके पास टिकट है वो चाहकर भी ट्रेन में चढ़ नहीं पा रहे हैं. मुझे लगता है कि कम से कम 25 फीसदी यात्री तो ऐसे होंगे जो टिकट होने के बावजूद भी ट्रेन में नहीं चढ़ पाए. ट्रेन के प्लेटफॉर्म में लगने से लेकर उसके खुलने तक कई बार प्रयास करने के बाद भी यात्री ट्रेन में नहीं घुस पाए हैं.
पटना से बिहार शरीफ तक हर तरफ परेशान दिखे लोग
बिहार से लौटने वाले यात्रियों के लिए रेलवे कई स्पेशल ट्रेन चला रही है, लेकिन इसके बावजूद भी यात्रियों की भीड़ कम होती नहीं दिख रही है. पटना स्टेशन पर जीआरपीएफ और आरपीएफ को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अलग से पुलिस बल को बुलाना पड़ा. पटना से दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों में जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने के लिए लोगों को हुजूम स्टेशन पर लंबी लंबी कतारों में लगा दिख रहा है. यही हाल बिहार शरीफ और बिहार के कई अन्य बड़े स्टेशनों का ही भी है. यहां भी यात्रियों की भीड़ इतनी है कि लोग समय रहते ट्रेन में चढ़ तक नहीं पा रहे हैं.
प्लेटफॉर्म टिकट तक बिक्री तक की गई बंद
स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ किस कदर है इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि पटना जक्शन जैसे कई स्टेशन पर लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अगले कुछ दिनों के लिए प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री बंद कर दी गई है. कहा जा रहा है कि अभी सिर्फ उन लोगों को ही प्लेटफॉर्म पर आने की इजाजत दी जा रही है कि जिनके पास वैध टिकट है.
चलाई जा रही हैं कई स्पेशल ट्रेन
यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने बिहार के कई स्टेशनों से स्पेशल ट्रेन चलाने का ऐलान किया है. रेलवे ने यात्रिओं की भीड़ को देखते हुए 8 नवंबर को 164 विशेष ट्रेनें चलाई. इसके बाद 9 तारीख को 160, 10 को 161 और 11 नवंबर को 155 विशेष ट्रेनों की योजना बनाई गई है.