कोरोना वायरस : बिहार के सीएम नीतीश कुमार को क्यों गुस्सा आया?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुस्सा क्यों आया? शनिवार को कैबिनेट की बैठक के दौरान उन्होंने राज्य में टेस्टिंग कम होने के मुद्दे पर अपनी भड़ास राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत पर पूरे मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अपने अधिकारियों के सामने निकाली है.

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CM नीतीश कुमार ने आज स्वास्थ्य सचिव को फटकार लगाई है (फाइल फोटो)
पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुस्सा क्यों आया? शनिवार को कैबिनेट की बैठक के दौरान उन्होंने राज्य में टेस्टिंग कम होने के मुद्दे पर अपनी भड़ास राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत पर पूरे मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अपने अधिकारियों के सामने निकाली है.  लेकिन नीतीश कुमार जिन्होंने पूरे कोरोना काल में सारी कमान अपने हाथ में ले रखी थी जो बिहार सरकार के प्रेस विज्ञप्ति से साबित भी होता है. लेकिन पटना हाईकोर्ट ने चार दिन के अंदर बिहार सरकार से कोविड के समय क्या-क्या इंतज़ाम किए गये हैं उससे सम्बंधित कई सारे सवाल कर दिए हैं. जिसके कारण बिहार सरकार में सबके पसीने छूटे हुए हैं. दिक्कत है कि अभी तक हर चीज़ में सब कुछ ठीक है का दावा करने वाली नीतीश कुमार की सरकार को सब लिखित में देना होगा. 

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने शुक्रवार को पारित इस आदेश में कहा है कि जिलावार जनसंख्या और उस जिले में निजी या सरकारी लैब जो कोविड का टेस्ट कर रहे हैं, इसका ब्यौरा दिया जाए. अब तक की लैब में कितने टेस्ट हुए हैं इसके बारे में भी शपथ पत्र में दिया जाये. इसके अलावा अभी तक कोविड के इलाज के लिए कितने अस्पताल हैं और इन अस्पतालों में कितने लोगों का इलाज अभी तक हुआ है, आइसोलेशन सेंटर में कितने डॉक्टर तैनात हैं, साथ ही साथ कितने ऑक्सिजन सिलिंडर और वेंटिलेटर हैं, इन सब सवालों के जवाब हाईकोर्ट ने मांगा है.

कोर्ट ने कहा है कि कोविड पॉज़िटिव मरीज़ों के इलाज के लिए कितने एबुलेंस उपलब्ध हैं और कितने  मरीज़ को  एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने  के लिए उपलब्ध कराया गया है उसकी भी सूची दी जाए.  राज्य  सरकार के पास कोविड से निबटने में लगे लोगों के लिए के लिए टेस्टिंग किट, पीपीई किट, ऑक्सीजन मॉस्क, वेंटिलेटर और अन्य सामग्री पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है जो किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने में सक्षम राज्य सरकार ने अभी तक कौन से क़दम उठाए हैं जिससे लोगों की बड़ी से बड़ी संख्या में टेस्टिंग संभव हो पाए, इस पर जवाब मांगा गया है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप को भीड़ वाले वार्ड में CCTV कैमरे लगाए जाने के सुझाव पर अमल के लिए क्या क्या क़दम उठाए गए हैं, इस बारे में भी जानकारी मांगी गई है. 

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अब हाईकोर्ट के इस रुख के बाद से निश्चित तौर पर सरकार को सही-सही जवाब देना होगा. वहीं कोरोना वायरस को लेकर सीएम नीतीश कुमार चौतरफा आलोचना झेल रहे हैं, जाहिर है इस अव्यवस्था के पीछे कहीं न कहीं अधिकारी जिम्मेदार हैं. ऐसे हालात में सीएम नीतीश कुमार को गुस्सा आना लाजिमी था. 

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