बिहार में पुल के गिरने और पिलर धंसने का सिलसिला जारी है. मालूम हो की बीते पंद्रह दिनों में राज्य के अलग अलग हिस्सों में कई पुल या तो जमींदोज हो चुके है या फिर उनका पिलर धंस चुका है. ताजा मामला किशनगंज जिले के बहादुरगंज के बाद ठाकुरगंज प्रखंड का है जहा तेज बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढ़ गया .जिसमे बूंद नदी पर बना पुल का पिलर करीब 1 फिट धंस गया है.यह पुल ठाकुरगंज के पथरिया पंचायत स्थित खोशी डांगी गांव में तत्कालीन सांसद मो तस्लीम उद्दीन के सांसद कोष से 2007 - 2008 में बनाया गया था. लेकिन रविवार को पानी का दवाब नही झेल पाया और पिलर एक से डेढ़ फीट धंस चुका है. यह पुल तीन से चार पंचायतों को जोड़ता है और अगर पुल धराशाई हो जाता है तो 50 से 60 हजार आबादी प्रभावित होगी .
लगातार गिर रहे हैं बिहार में पुल
27 जून को किशनगंज जिले में ही एक पुल गिर गया था. किशनगंज के जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने बताया था कि बहादुरगंज प्रखंड में स्थित यह पुल 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा था. यह पुल 2011 में कनकई नदी को महानंदा से जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी मड़िया पर बनाया गया था. नेपाल में जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण जलस्तर अचानक बढ़ने से पुल के खंभों में से एक तेज धारा का सामना नहीं कर सका और गिर गया. इससे पहले पूर्वी चंपारण, सीवान और अररिया जिलों से पुल ढहने की तीन घटनाएं सामने आईं थीं.
सीवान, अररिया और पूर्वी चंपारण में भी गिर चुके हैं पुल
कुछ दिनों पहले 22 जून को सीवान जिले में एक छोटा पुल ढह गया था. इससे पहले बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में 23 जून को एक निर्माणाधीन छोटा पुल ढह गया था. यह घटना मोतिहारी के घोड़ासहन प्रखंड में हुई. अमवा गांव को प्रखंड के अन्य क्षेत्रों से जोड़ने के लिए राज्य के ग्रामीण निर्माण विभाग (आरडब्ल्यूडी) द्वारा नहर पर 16 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा था. इसे 1.5 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा था. जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया था कि घटना के सही कारण का पता लगाया जा रहा है. 18 जून को अररिया जिले में करीब 180 मीटर लंबा नवनिर्मित पुल ढह गया था.
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