- बीएसपी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में जुट गई है.
- बीएसपी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है.
- मायावती ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.
- बिहार चुनाव में बसपा का प्रदर्शन आकाश आनंद के सियासी भविष्य को तय करेगा.
BSP in Bihar Assembly Elections 2025: मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (BSP) बिहार चुनाव की तैयारी में जुट गई है. मायावती के भतीजे आकाश आनंद के लिए बिहार सबसे बड़ी चुनौती है. इसी साल के आखिर में बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं. फ्री उठापटक के बाद आकाश की पार्टी में वापसी हुई है. बीते दिनों मायावती उनसे बहुत नाराज़ हो गई थीं. आकाश आनंद के ससुर और पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ अब भी पार्टी से बाहर हैं. मायावती ने अब तक अपने भतीजे आकाश को अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी नहीं बनाया है. मायावती का भरोसा जीताने के लिए आकाश को बिहार जीतना ही पड़ेगा. अगर बिहार में बीएसपी ने अच्छा नहीं किया तो फिर आकाश के लिए रास्ता और मुश्किल हो सकता है.
मायावती पार्टी छोड़ चुके नेताओं की घर वापसी में जुटी
बीएसपी के खाते में इन दिनों बस हार है. लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता तक नहीं खुला. अपने सबसे मज़बूत गढ़ यूपी में बीएसपी के पास बस एक विधायक हैं. इसीलिए मायावती पार्टी छोड़ चुके नेताओं की घर वापसी में जुटी है. बिहार के लिए मायावती ने आकाश आनंद को ज़िम्मेदारी दी है.
पटना में आकाश आनंद ने किया रोड शो
उनके साथ राज्य सभा सांसद रामजी गौतम की भी ड्यूटी लगाई गई है. दोनों गुरुवार को साथ-साथ पटना पहुंचें. आकाश ने रोड शो किया. रोड शो के बहाने पटना की सड़कों पर अपना दम दिखाया.
पटना में बसपा की बैठक में शामिल लोग.
बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी
बीएसपी की तैयारी सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की है. अब इतने उम्मीदवारों का जुगाड़ करना भी कठिन काम है. क्योंकि बिहार में बीएसपी का टिकट जीत की गारंटी नहीं है. तो आकाश आनंद की पहली प्राथमिकता तो उम्मीदवारों का चयन करना है. बिहार में भी बीएसपी की हालत बहुत कमज़ोर हो गई है.
एक जमाने में यूपी से सटे इलाकों में बसपा का अच्छा प्रभाव था
एक ज़माने में यूपी से सटे इलाक़ों में पार्टी का अच्छा ख़ासा प्रभाव था. साल 2000 बीएसपी के लिए बड़ा शुभ रहा था. पार्टी के 5 विधायक चुने गए थे. फिर फ़रवरी 2005 के चुनाव में बीएसपी को दो सीटें मिली थीं. जब उसी साल नवंबर में फिर चुनाव हुआ तो चार विधायक चुने गए. फिर 2009 के उप चुनाव में एक सीट पर पार्टी जीत गई. लेकिन उसके बाद से किसी चुनाव में पार्टी खाता नहीं खोल पाई है.
पटना में बसपा की बैठक में मोजूद पार्टी नेता और कार्यकर्ता.
अकेले दम पर बिहार चुनाव लड़ेगी बसपा
बीएसपी चीफ़ ने इस बार बिहार में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है. मतलब पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी गौतम ने पटना पहुंच कर मायावती के फ़ैसले के बारे में बीएसपी नेताओं को बताया. आने वाले दिनों में बीएसपी की चीफ नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद बिहार के अलग-अलग इलाक़ों का दौरा कर चुनाव तैयारी में जुटेंगे.
अपने को साबित करने का ये उनके लिए बड़ा मौक़ा है. अगर बीएसपी अपना खाते खोलने में कामयाब रही तो भी पार्टी के लिए बड़ी बात होगी.
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