बिहार में एक और पुल के ढहने की घटना सामने आई है. इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. घटना भागलपुर के पीरपैंती के पास हुई है. बताया जा रहा है यह पुल पीरपैंती से बाखरपुर जाने वाली मुख्य सड़क पर मुस्तफापुर के पास बनाई गई थी.घटना शुक्रवार की बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि यह पुल बाढ़ के पानी की वजह से कुछ दिन पहले ही क्षतिग्रस्त हो गया था.आसपास के लोगों को इसकी जानकारी थी इसलिए जिस समय यह पुल ढहा उस दौरान इस पुल पर कुछ लोग ही मौजूद थे. इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है.
बताया जा रहा है कि इस पुल का निर्माण पांच साल पहले ही कराया गया था. यह पुल आसपास के ग्रामीण इलाकों को जोड़ने का माध्यम था. इस पुल के धराशाई होने से अब ग्रामीणों की समस्या और बढ़ गई है.लोगों को अब आने जाने में खासी दिक्कत हो रही है. भागलपुर में कुछ समय पहले भी एक ऐसा ही पुल गिर गया था.
बिहार में पुल गिरने की यह कोई पहली घटना नहीं है
बिहार में जून-जुलाई के दौरान महज 11 दिनों के भीतर ही पांच पुलों के गिरने की खबर आई थी. जिन जिलों में पुल गिरने की खबर आई थी उनमें मधुबनी, भागलपुर, किशनगंज,सीवान, अररिया और पूर्वी चंपारण शामिल थे.
कोसी नदी पर निर्माणाधीन पुल ढह गया
22 मार्च 2024 को सुपौल में कोसी नदी पर निर्माणाधीन बकौर-भेजा घाट पुल ढह गया था. भारत माला योजना के तहत इसका निर्माण हो रहा था. 1200 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा था.बकौर-भेजा घाट पुल सामरिक नजरिए से भी बेहद अहम है.
सुल्तानगंज में गिरा था पुल
4 जून 2023 को सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी गंगा घाट पर निर्माणाधीन पुल के पिलर नंबर 10, 11 और 12 अचानक गिरकर नदी में बह गए थे. पुल गिरने की घटना बिहार में सियासी बवाल खड़ा कर दिया था. पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने एक-दूसरे पर सवाल खड़े किए थे.
अंग्रेजों के जमाने का पुल ऐसे गिरा
19 मार्च 2023 को बिहार के सारण जिले में एक पुल गिर गया था. बताया जाता है कि यह पुल अंग्रेजों के जमाने का था. बाढ़ के बाद पुल जर्जर हो गया था और कई जगहों पर दरारें आ गईं थीं. विभाग के लापरवाही के कारण यह पुल गिर गया. जर्जर पुल को लेकर विभाग की ओर से कोई चेतावनी भी जारी नहीं की गई थी.