बिहार में चुनाव से पहले क्यों छिनी भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव की सदस्यता खत्म, जानिए कारण

BJP MLA Mishrilal Yadav: बिहार में सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होना है. इस चुनाव से पहले भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है. जानिए आखिर ऐसा क्यों हुआ?

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भाजपा के विधायक मिश्रीलाल यादव.

BJP MLA Mishrilal Yadav: बिहार में आने वाले कुछ महीनों में विधानसभा का चुनाव होना है. सभी राजनीतिक दलें इस चुनाव की तैयारी में जुटी है. अलग-अलग सीटों के विधायक भी अपनी-अपनी चुनावी तैयारी में जुटे हैं. लेकिन इस बीच भाजपा के एक विधायक मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है.  मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त किए जाने की अधिसूचना विधानसभा सचिवालय द्वारा शुक्रवार को जारी कर दी गई है. इस अधिसूचना के जारी होते ही मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई है.  

2020 में वीआईपी के टिकट पर जीते थे चुनाव, बाद में भाजपा में हुए शामिल

मिश्रीलाल यादव दरभंगा के अलीनगर विधानसभा से विधायक हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में वीआईपी के टिकट पर मिश्रीलाल यादव चुनाव जीते थे. बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे. लेकिन अब उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई है. मिश्रीलाल यादव की सदस्यता समाप्त होने के पीछे कोर्ट का वो आदेश है, जिसमें उन्हें मारपीट के एक मामले में दोषी ठहराया गया था. 

मारपीट के 6 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा

दरअसल मिश्रीलाल यादव को शुक्रवार को दरभंगा जिले की MP MLA कोर्ट द्वारा 2019 के एक मारपीट मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 के अनुसार, यादव की अयोग्यता उनके ‘‘दोषी ठहराए जाने और सजा'' की तारीख 27 मई, 2025 से प्रभावी होगी.

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विधायक को मिली है दो साल के कैद की सजा

दरभंगा जिले की सांसद/विधायक (एमपी/एमएलए) अदालत ने 27 मई को यादव और उसके सहयोगी को 2019 के मारपीट के एक मामले में दो-दो साल कैद की सजा सुनाई थी. दरभंगा के विशेष एमपी/एमएलए अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने मिश्री लाल यादव और सुरेश यादव पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

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2019 में मारपीट के मामले में भेजे गए जेल

यादव ने इससे पहले अदालत के उस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी जिसमें उन्हें तीन महीने की जेल और 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. दरभंगा की विशेष MP/MLA अदालत के न्यायाधीश सह अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट करुणा निधि प्रसाद आर्य ने फरवरी 2025 में उमेश मिश्रा नामक व्यक्ति को जनवरी 2019 में स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए दोनों को तीन-तीन महीने के कारावास की सजा सुनाई थी. आरोपियों की दलीलें खारिज करते हुए अदालत ने मिश्रा की याचिका स्वीकार कर ली जिसमें उनकी सजा बढ़ाने का अनुरोध किया गया था और इसे बढ़ाकर दो साल की कैद कर दिया गया.

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