बिहार में SIR का पहला चरण पूरा, अगर सूची में नहीं मिले नाम तो कैसे डलवा सकते हैं? जानें प्रोसेस

इस प्रक्रिया के दौरान 65.2 लाख ऐसे वोटर भी चिह्नित किए गए, जिनका नाम मतदाता सूची से हट सकता है. ऐसे में यदि बिहार के वोटरों को इस बात चिंता जरूर है कि उनका नाम वोटर लिस्ट में रहेगा या नहीं.

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बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का पहला चरण पूरा हो गया है.

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  • बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है. इसमें 7.23 करोड़ वोटरों के फॉर्म प्राप्त हुए.
  • पहले चरण में 65.2 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने के लिए चिन्हित किए गए हैं.
  • यदि किसी का पात्र का नाम वोटर लिस्ट से हट जाए तो उसे जुड़वाया जाएगा, जानिए इस रिपोर्ट में.
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Bihar Viter List Revision: बिहार में निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का पहला चरण पूरा हो चुका है. शुक्रवार को पहला चरण पूरा होने की जानकारी देते हुए निर्वाचन आयोग ने जारी प्रेस नोट में बताया कि अब तक 99.86% मतदाताओं को कवर किया जा चुका है. आयोग के अनुसार अभी तक राज्य के 7.23 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त कर लिए गए हैं. साथ ही उनका डिजिटलीकरण भी पूरा कर लिया गया है. इन मतदाताओं के नाम पहले की तरह मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे. लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान 65.2 लाख ऐसे वोटर भी चिह्नित किए गए, जिनका नाम मतदाता सूची से हट सकता है. ऐसे में यदि बिहार के वोटरों को इस बात चिंता जरूर है कि उनका नाम वोटर लिस्ट में रहेगा या नहीं.

वोटर लिस्ट में नाम है या नहीं, इस बात की जानकारी तो एक अगस्त को तब आएगी जब निर्वाचन आयोग बिहार के वोटरों को अपडेटेड लिस्ट जारी करेगा. लेकिन यदि इस लिस्ट से किसी का नाम गायब है तो वो अपना नाम जुड़वाने के लिए क्या कर सकता है? जानिए इस रिपोर्ट में.

बिहार में SIR के पहले चरण में क्या कुछ मिला?

शुक्रवार को जारी निर्वाचन आयोग के प्रेस नोट में बताया गया कि BLO के जरिए पूरे राज्य में चलाए गए इस अभियान के दौरान 22 लाख वोटर मृत मिले. साथ ही वोटर लिस्ट में 7 लाख लोग ऐसे भी मिले, जो एक से ज्यादा जगहों के वोटर हैं. करीब 35 लाख वोटर या तो स्थायी रूप से प्रवास कर चुके हैं या उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है. करीब 1.2 लाख वोटरों के गणना फॉर्म अभी वापस मिलना बाकी है. यह आंकड़ा 65.2 लाख का है. ऐसे में इन नामों को लिस्ट से हटाया जा सकता है.

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एक अगस्त को प्रकाशित होगा ड्राफ्ट वोटर लिस्ट

भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी. जिसकी डिजिटल कॉपी सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को भी दी जाएगी. इसके अलावा यह लिस्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी ताकि कोई भी व्यक्ति इसे ऑनलाइन देख सके और आवश्यकतानुसार सुधार के लिए आवेदन कर सके. लेकिन सुधार के लिए मात्र एक महीने का समय ही रहेगा.

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अब जानिए वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने पर कैसे करनी होगी आपत्ति

निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद अगले एक महीने तक कोई भी निर्वाचक या राजनीतिक दल दावा या आपत्ति दर्ज कर सकता है. ऐसे में आपत्ति दर्ज करने के लिए एक अगस्त से एक सितंबर तक का समय रहेगा.

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अगर किसी पात्र मतदाता का नाम छूट गया है तो उसके लिए दावा किया जा सकता है. साथ ही किसी मृत, स्थानांतरित या अपात्र व्यक्ति के नाम पर आपत्ति भी दर्ज की जा सकती है. यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी.

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