बिहार में यह कैसा कमाल! 1 या 2 वोटर कार्ड नहीं, रीता देवी के हैं कुल 8 वोटर कार्ड

हाजीपुर विधानसभा के वोटर लिस्ट में हमने पाया कि अलग-अलग 8 बूथों पर रीता देवी (पति संजय पासवान) का नाम दर्ज है. हालांकि उनका दावा है कि उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी.

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आपने यह कहावत जरूर सुनी होगी कि आग लगने से पहले धुंआ दिखाई पड़ता है. भारत की राजनीति में भी आग और धुएं वाली यह पहेली फिट बैठती है. सवाल उठा कि विपक्ष को बिहार मे इतनी बड़ी वोटर अधिकार यात्रा क्यों निकालनी पड़ी? आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार के सबसे निचले स्तर पर गड़बड़ी की जा रही है या हो जा रही है. इसने विपक्ष को मुद्दा दे दिया है. आज बिहार मे इतनी बड़ी वोटर अधिकार यात्रा का शोर आपने  सुना है. ग्राउंड पर कई ऐसे केस मिल रहे हैं जो सवाल उठाते हैं.

सवाल यह है कि क्या हाजीपुर में रीता देवी जैसे वोटर किसी खास को सासंद और विधायक बना रहे हैं? पूरा माजरा समझने के लिए आपको बिहार में लोकतंत्र की जननी कही जाने वाली वैशाली के हाजीपुर विधानसभा चलने होंगें. आपको हम बड़े ही बेबाक तरीके से पुनर्निरीक्षण के बाद वोटरलिस्ट की हकीकत से अवगत कराएंगे.

रीता देवी का 8 बूथ पर नाम!

हाजीपुर (123)विधानसभा के वोटर लिस्ट में हमने पाया कि अलग-अलग 8 बूथों पर रीता देवी (पति संजय पासवान) का नाम दर्ज है. जब हमने इसकी पड़ताल की तो हमें चार-चार संजय पासवान मिले लेकिन उनकी पत्नी का नाम रीता देवी नहीं था. हमने गांव में काफी मशक्क्त के बाद पहेतिया पंचायत के नूनपुर टोला में उस रीता देवी को खोज निकाला जिनके पति का नाम संजय पासवान था. रीता देवी घर की साधरण महिला हैं और उनके पति गांव में ही मजदूरी का काम करते हैं. वो खुद तो वोट देती हैं लेकिन उनका नाम आठ बूथ पर कैसे आया, उनको मालूम नहीं है.

हाजीपुर के 8 किलोमीटर की दूरी में ये आठों बूथ हैं. इनका निरीक्षण किया तो पाया कि ये सभी आपस में काी दूरी पर हैं. ऐसे में एक रीता देवी कहां-कहां वोट डालेंगी. यह झोल ही विपक्ष को बैठे बिठाये मुद्दा देता है.

महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा में सबसे बड़ा सवाल SIR का था. मतलब विपक्ष के पास दो दशक पुरानी NDA सरकार के खिलाफ भुनाने को और कुछ भी नहीं! उधर NDA हुकूमत को भी फ्रीबीज उड़ेलने के बावजूद घुसपैठियों का मुद्दा मुफीद नजर आ रहा है. अब राजद के विधायक मुकेश रौशन सीधे सीधे बीजेपी पर आरोप लगाकर बोल रहे है कि अभी तक हाजीपुर से जो भी विधायक और सांसद बनते आ रहे हैं, वो ऐसे ही बोगस वोट से बन रहे हैं. 

इस पूरे मामले को लेकर हाजीपुर ADM संजय सिंह ने बताया है कि कांग्रेस के द्वारा इस तरह की जानकारी दी गई है जिसमें एक इंसान का कई जगह नाम है, इसकी जांच की जा रही है.

बहरहाल बिहार में SIR पर रार महीने भर बाद भी जारी है. पक्ष और विपक्ष दोनों आमने सामने हैं. मानों SIR ही विधानसभा चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. SIR के मामले में सबसे नीचे स्तर पर ये गलतियां होती रहीं तो मृत इंसान राहुल गांधी के साथ चाय पीते दिखते रहेंगे. राहुल गांधी को एटम बम के बाद हाइड्रोजन बम फोड़ने का मौका मिलता रहेगा.

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