बिहार में 'पोस्टर वॉर': जदयू के पोस्टर में राजद पर निशाना, स्कैनर से खुलेगा शासनकाल का सच

जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने वीडियो बयान में कहा कि किसने पोस्टर लगाया है, इसकी औपचारिक जानकारी नहीं है. लेकिन सच यह है कि नई पीढ़ी को जागरूक होना चाहिए. लालूवाद विचारधारा के चलते सामाजिक और राजनीतिक संकट इस बिहार ने झेला है.

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पटना:

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित है. चुनाव को लेकर अभी से ही राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं. इसे लेकर एक-दूसरे को घेरने का भी कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. ऐसे में बिहार में पोस्टर वार जारी हो गया है. जदयू कार्यकर्ताओं ने नया पोस्टर जारी किया है. जदयू कार्यकर्ताओं की ओर से जारी भूलेगा नहीं बिहार नाम के इस पोस्टर में "जंगलराज का अत्याचार, भूलेगा नहीं बिहार" लिखा है. पोस्टर में स्कैनर भी दिया गया है, जिसे स्कैन करते ही राजद शासनकाल के कानून-व्यवस्था की जानकारी मिलेगी.

जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने वीडियो बयान में कहा कि किसने पोस्टर लगाया है, इसकी औपचारिक जानकारी नहीं है. लेकिन सच यह है कि नई पीढ़ी को जागरूक होना चाहिए. लालूवाद विचारधारा के चलते सामाजिक और राजनीतिक संकट इस बिहार ने झेला है. बिहार के माथे पर कलंक का टीका लगा. पोस्टर पर लगे स्कैनर को स्कैन करिए, राजद शासनकाल का चेहरा बेनकाब होगा. ये बिहार की नई पीढ़ी के लिए आवश्यक है.

बता दें कि बिहार चुनाव को लेकर अभी से ही राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं. इस बीच, रमजान में दावत-ए-इफ्तार को लेकर भी सियासी पारा उबाल पर देखा गया. बीते सोमवार को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इफ्तार का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में रोजेदारों ने शिरकत की. इधर बिहार में पिछले कुछ दिनों से पोस्टर वार भी शुरू हो चुका है.

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वहीं, मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर वक्फ और एनआरसी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए पोस्टर लगाए गए. पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर भी है और लिखा गया है, "तुम तो धोखेबाज हो, वादा करके...एनआरसी पर हम तुम्हारे साथ नहीं. वक्फ पर तो बिल्कुल भी साथ नहीं। वोट लेंगे तुम्हारा लेकिन साथ नहीं देंगे."

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