ऐतिहासिक दरभंगा किला (Darbhanga Fort) को संरक्षित करने के लिए दरभंगा महाराज के पौत्र ने गणतंत्र दिवस (Republic Day) के अवसर पर किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की योजना बनायी है . इसे दूसरे लाल किला के नाम से भी जाना जाता है. दरभंगा के अंतिम राजा के पौत्र कुमार कपलेश्वर सिंह ने ऐतिहासिक दरभंगा किले को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर किले पर कल राष्ट्रीय ध्वज फहराने का फैसला किया है.
सिंह ने कहा कि विशेष लोहे की सीढ़ी खड़ी की गई हैं और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय तिरंगे को फहराने के लिए मुख्य किले के प्रवेश द्वार के शीर्ष पर पहुंचने के लिए नवीनतम हाइड्रोलिक उपकरण का उपयोग किया जा रहा है. यह जमीन से लगभग 75 फुट ऊंचा है. दरभंगा किले को दरभंगा के राज किला के रूप में भी जाना जाता है. इसका निर्माण 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह ने कराया था.
लाल ईंटों का उपयोग करके बनाया गया यह किला मिथिला संस्कृति का प्रतीक है. इसकी दीवारें करीब एक किमी लंबी हैं, जिन्हें बनाने के लिए कोलकाता स्थित एक कंपनी द्वारा हजारों कारीगरों को लगाया गया था. किले और शाही परिवार की सुरक्षा के लिए इसके भीतर दीवार के चारों ओर चालीस फुट के लगभग नहर जैसा गड्ढा बनाया गया था, जो पानी से भरा रहता था.
59 साल के अंतराल के बाद दरभंगा शाही परिवार ने ऐतिहासिक दरभंगा किला को संरक्षित करने का काम शुरु किया है.