- बिहार में कैबिनेट मीटिंग में शिक्षक भर्ती में बिहार के निवासियों को प्राथमिकता की नीति पर मुहर लग सकती है.
- सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 12 लाख नौकरियां और 34 लाख रोजगार के अवसर प्रदान करने का वादा किया है.
- राज्य सरकार विभिन्न कर्मचारियों के मानदेय को दोगुना करने सहित वेतन वृद्धि का प्रस्ताव कैबिनेट में ला सकती है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े फैसलों पर मुहर लग सकती है. इनमें हाल के दिनों में नीतीश कुमार की ओर से की गई घोषणाएं शामिल हो सकती हैं. इन घोषणाओं में शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू करना और विभिन्न सरकारी योजनाओं से जुड़े कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी करना शामिल है. इसके साथ ही युवाओं को नौकरी के मोर्चे पर भी किसी बड़े फैसले की उम्मीद है.
बिहार में ये चुनावी साल है और अब विधानसभा चुनाव में महज कुछ ही महीने बचे हैं... ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नीतीश कैबिनेट मीटिंग में बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.
शिक्षक भर्ती में अब सिर्फ 'बिहारी' को मौका
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये घोषणा की है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE-4) में बिहार के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी. मंगलवार की कैबिनेट बैठक में इस नीति को अंतिम रूप दिया जा सकता है. इस फैसले के बाद अब सिर्फ बिहार के युवा ही शिक्षक भर्ती में आवेदन कर पाएंगे, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए नौकरी के अवसर बढ़ेंगे. बताया गया है कि 2025 में TRE-4 और 2026 में TRE-5 का आयोजन किया जाएगा, जिसके पहले STET की परीक्षा भी होगी.
मानदेय में ऐतिहासिक बढ़ोतरी पर मुहर
कैबिनेट की इस बैठक में उन लाखों कर्मचारियों को भी बड़ी सौगात मिल सकती है, जो लंबे समय से मानदेय में वृद्धि की मांग कर रहे थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में कई घोषणाएं की हैं.
- रसोइया: मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों का मानदेय 1,650 रुपये से दोगुना कर 3,300 रुपये प्रति माह किया जाएगा.
- रात्रि प्रहरी: माध्यमिक और उच्च शिक्षा विद्यालयों में कार्यरत रात्रि प्रहरियों का मानदेय 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया जाएगा.
- शारीरिक शिक्षा अनुदेशक: शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय 8,000 रुपये से दोगुना करके 16,000 रुपये कर दिया जाएगा. साथ ही उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि भी 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये की जा सकती है.
- आशा और ममता कार्यकर्ता: आशा कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि प्रति प्रसव 300 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये किए जाने पर भी मुहर लग सकता है.
12 लाख नौकरियों का वादा
नीतीश सरकार ने 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले 12 लाख नौकरियां और 34 लाख रोजगार के अवसर देने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार, विभिन्न विभागों में भर्ती प्रक्रियाओं को तेज करने का फैसला ले सकती है.
बता दें कि पिछली कैबिनेट बैठक में भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे, जिनमें युवा आयोग का गठन, दिव्यांगजनों के लिए प्रोत्साहन राशि और महिलाओं के लिए 35% आरक्षण का प्रावधान शामिल था. इन फैसलों से सरकार की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के प्रति प्रतिबद्धता दिखी है.