बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोगी दल भाजपा ने एक बार फिर संकेत दिए हैं कि चिराग पासवान और लोक जनशक्ति पार्टी की बात आती है तो एक विचार नहीं हैं. राज्य के पर्यावरण और वन मंत्री नीरज बबलू ने मीडिया से कहा, 'चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा हैं और एनडीए में बने रहेंगे.' उन्होंने साफ किया कि वर्तमान और भविष्य में चिराग एनडीए के साथ रहेंगे.
इस बयान को भाजपा की ओर से देर से समझ में आने के रूप में देखा जा रहा है कि चिराग पासवान को सबक सिखाने के लिए नीतीश कुमार और उनके अपने नेताओं के एक हिस्से द्वारा किए गए बंटवारे के बावजूद, गठबंधन को लोक जनशक्ति पार्टी की जरूरत है.
भाजपा के लिए अब यह स्पष्ट हो गया है कि न केवल पासवान मतदाता बल्कि दलित भी पारिवारिक कलह के बीच चिराग पासवान का समर्थन करते हैं. यही कारण है कि भाजपा नेता यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि नीतीश कुमार के अनौपचारिक बहिष्कार के आह्वान के बावजूद, रविवार को समारोह में भाजपा के प्रमुख नेता मौजूद थे.
वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी पर रविवार को आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में उनके पुत्र चिराग पासवान से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को भूल कर पशुपति कुमार पारस शामिल हुए. प्रार्थना सभा के दौरान पशुपति कुमार पारस चिराग पासवान के पास बैठे दिखे. चिराग की मां रीना पासवान भी पास में ही बैठी थीं.
श्रद्धांजलि समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनुपस्थित रहे. हालांकि यह पता नहीं चल पाया कि नीतीश को समारोह का निमंत्रण मिला था या नहीं.
तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘ऐसे मौकों पर लोग व्यक्तिगत मतभेदों को भुला देते हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि हमारे मुख्यमंत्री सामाजिक रीति-रिवाजों की बहुत कम परवाह करते हैं. न तो वह आए हैं और न ही जदयू का कोई नेता आया है. नीतीश कुमार ने केवल एक पंक्ति का संदेश भेजा है जबकि प्रधानमंत्री ने भी पासवान को दो पृष्ठ की श्रद्धांजलि भेजी है.''