मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज, घंटों तक अंधेरे में डूबा रहा गोपालगंज का मॉडल अस्पताल

गोपालगंज का मॉडल अस्पताल बिजली गुल होने से करीब 3-4 घंटे तक अंधेरे में डूबा रहा. इस दौरान मोबाइल की रोशनी में ही डॉक्टरों को इलाज करना पड़ा.

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गोपालगंज:

बिहार के गोपालगंज का सदर अस्पताल, कहने को यह मॉडल अस्पताल है, करोड़ों की लागत से बनी आलीशान बिल्डिंग है, मल्टी-स्टोरी इमारत है और बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं के बड़े-बड़े दावे यहां किए जाते हैं. लेकिन बुधवार दोपहर को इस मॉडल अस्पताल की जो तस्वीर सामने आई, उसने इन सभी दावों की हवा निकाल दी.

करोड़ों की लागत से बना है अस्पताल

हेल्थ डिपार्टमेंट दावा करता है कि गोपालगंज के मॉडल हॉस्पिटल में ओपीडी से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक और महिला वार्ड से लेकर एक्सरे-अल्ट्रासाउंड तक हर चीज की मुकम्मल व्यवस्था की गई है. यहां डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की भी अच्छी खासी तादाद है. मरीजों के इलाज के लिए भी कई वार्ड बनाए गए हैं. बावजूद इसके इस मॉडल अस्पताल में कई बुनियादी सुविधाओं का अभाव भी देखने को मिल रहा है.

अस्पताल में बिजली गुल होने से ऑपरेशन थियेटर में भी मोबाइल की रोशनी में डॉक्टरों को इलाज करना पड़ा.

3-4 घंटे अंधेरे में डूबा रहा अस्पताल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे गोपालगंज मॉडल हॉस्पिटल का बताया जा रहा है. बुधवार दोपहर करीब 1 बजे हॉस्पिटल में अचानक बत्ती गुल हो गई थी. जनरेटर होने के बावजूद भी बिजली की व्यवस्था नहीं हो सकी. इसकी वजह से मॉडल हॉस्पिटल करीब 3-4 घंटे तक अंधेरे में डूबा रहा. 

OT से लेकर चाइल्ड वॉर्ड तक में अफरातफरी

अस्पताल की बत्ती गुल होने से मरीजों और परिजनों में अफरातफरी मच गई. ऑपरेशन थिएटर से लेकर महिला वार्ड तक और इमरजेंसी वार्ड से लेकर चाइल्ड वार्ड तक मरीज अंधेरे में रहने को विवश हो गए. अंधेरे में ही मरीजों का इलाज किया गया. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह डॉक्टर मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. हद तो तब हो गई, जब ऑपरेशन थिएटर में भी ऐसा ही नजारा दिखा. महिला और पुरुष स्वास्थ्यकर्मियों का भी ऐसा ही हाल था. वे भी मोबाइल में टॉर्च चलाकर मरीजों की देखभाल करते रहे.

तीमारदारों इलाज कराने के लिए भटके

मॉडल हॉस्पिटल में अपने बच्चे का इलाज कराने आए रियाजुद्दीन अहमद ने बताया कि उनके बच्चे को चेचक हुआ है, लेकिन यहां करीब एक घंटे से बिजली नहीं है. इसकी वजह से उनके बच्चे का इलाज नहीं हो पा रहा है. कई घंटे से इधर-उधर इलाज के लिए भटक रहे हैं. यहां कोई सुनने वाला नहीं है.

इमरजेंसी वॉर्ड में भी स्थिति कुछ अलग नहीं थी. गोपालगंज शहर के शिवनंदन ने बताया कि वह अपने भाई का इलाज कराने के लिए अस्पताल में आए थे. उनके भाई के सिर में चोट आई है, जिसकी ड्रेसिंग करानी है लेकिन अस्पताल में अंधेरे छाया हुआ था. अंधेरे में ही उनके भाई का इलाज हुआ. 

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लापरवाही मरीजों की जिंदगी पर भारी 

बता दें कि गोपालगंज मॉडल हॉस्पिटल को तैयार करने में करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं. दावा किया जाता है कि यहां स्वास्थ्य विभाग ने बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं. सरकार ने अच्छी सर्विस के लिए कार्य एजेंसी को भी तैनात किया है. बावजूद इसके मॉडल हॉस्पिटल में ऐसी लापरवाही मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ से कम नहीं.

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