तेजप्रताप महुआ से लड़ेंगे! RJD का वोट बंटा तो NDA को होगा फायदा? समझें सियासी समीकरण

तेज प्रताप यादव का निर्दलीय चुनाव लड़ना न सिर्फ महुआ में आरजेडी की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है, बल्कि पार्टी के अंदरूनी समीकरण, तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता और महागठबंधन की रणनीति पर भी बड़ा असर डाल सकता है. 

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  • तेज प्रताप यादव ने आरजेडी से निष्कासन के बाद महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
  • तेज प्रताप महुआ में मुस्लिम-यादव मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ और पुराने कनेक्शन के आधार पर दावा ठोक रहे हैं.
  • तेजप्रताप के कारण महुआ में आरजेडी की जीत की संभावना कमजोर हो सकती है और पार्टी की रणनीति प्रभावित हो सकती है.
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पटना:

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने सिर से हरी टोपी उतरने के बाद पीली टोपी पहन ली है. राजद से निष्‍काषित तेजप्रताप ने टीटीपी यानी टीम तेज प्रताप बनाई है और अब वैशाली जिले के महुआ से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. तेज प्रताप जब ये घोषणा कर रहे थे तो उनके सिर पर राजद वाली हरे रंग की टोपी नहीं, बल्कि टीम तेज प्रताप वाली पीले रंग की टोपी दिखी. तेजप्रताप इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि फिलहाल इस सीट से आरजेडी के मुकेश रौशन विधायक हैं. 

तेजप्रताप पहले भी महुआ से अपने जुड़ाव और लगाव की चर्चा करते हुए सीट पर अपना दावा ठोक चुके हैं. पहली बार ऐसी घोषणा के बाद मुकेश रौशन की रोती हुई तसवीरें सामने आई थी. अब एक बार फिर बतौर निर्दलीय उम्‍मीदवार दावा ठोंकने के बाद आरजेडी के सियासी समीकरण गड़बड़ होने की आशंका जताई जा रही है. 

उनकी घोषणा के बाद और भी कई सवाल उठ रहे हैं. जैसे कि क्‍या वो आरजेडी पर भारी पड़ेंगे, चुनाव पर इसका कितना असर पड़ेगा, आरजेडी की रणनीति पर किस तरह वो भारी पड़ सकते हैं? आइए थोड़ा समझने की कोशिश करते हैं. 

सियासी असर और वोट समीकरण 

पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव को उनके पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने 'गैर-जिम्‍मेदाराना बर्ताव' को कारण बताते हुए 25 मई 2025 को पार्टी और परिवार, दोनों से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. लालू यादव ने सार्वजनिक पत्र में ये भी लिखा कि 'उनका व्यवहार पारिवारिक मूल्यों के खिलाफ है,' और वे अब न पार्ट, न परिवार में किसी भी तरह की भूमिका निभा सकेंगे. निष्‍कासन के बावजूद तेजप्रताप महुआ सीट पर दावा ठोंकते रहे हैं. 

वे इस सीट पर मुस्लिम-यादव (MY) मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ और पुराने कनेक्शन का हवाला दे रहे हैं. वे महुआ से 2015 में विधायक और मंत्री रह चुके हैं, जिसके आधार पर दावा करते हैं कि स्थानीय कार्यकर्ता और वोटर उनके साथ जुड़ाव महसूस करते हैं. 

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आरजेडी का वोट बंटा तो एनडीए को फायदा  

तेजप्रताप के निर्दलीय लड़ने से RJD का वोट बैंक बंट सकता है. खासतौर पर हाल ही में परिवार और पार्टी से निकाले जाने के बाद उनके प्रति सहानुभूति बढ़ सकती है. उनसे जुड़ी युवा टीम 'टीम तेज प्रताप' के समर्थक भी वोट बैंक को प्रभावित करेंगे. अगर तेज प्रताप नहीं भी जीते, लेकिन ठीक-ठाक वोट ले आए तो इससे RJD के उम्मीदवार की हार की संभावना बढ़ जाती है, जिससे भाजपा या NDA को अप्रत्याशित फायदा हो सकता है. 

सीधी टक्कर में तेज प्रताप आरजेडी को ही सबसे अधिक नुकसान पहुंचाएंगे, क्योंकि अधिकांश वोट शेयर समान है. तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली RJD का वोट बैंक दो हिस्सों में बंट सकता है.

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हालांकि RJD के पास तेजस्वी, परिवार, संगठन और अन्य जातीय समीकरण का फायदा है, लेकिन अगर तेज प्रताप, महुआ में मजबूत रहेंगे तो पार्टी के लिए बहुत बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी. उनकी 'टीम तेज प्रताप यादव' ने नई युवा ब्रांडिंग के साथ हलचल पैदा कर दी तो इससे स्थानीय जनसमर्थन बढ़ सकता है. 

आरजेडी की रणनीति पर असर

आरजेडी तेजप्रताप के छेड़े गए 'भावनात्मक' और 'दल-बदलू' नैरेटिव को काउंटर करने के लिए स्थानीय नेताओं की तैनाती और संगठनात्मक मजबूती पर फोकस करेगी. तेज प्रताप के जाने के बाद पार्टी, सामाजिक न्याय, तेजस्वी की युवा छवि और महागठबंधन के मुद्दों को फ्रेम करने की कोशिश कर रही है. हालांकि महुआ सीट पर पार्टी उम्मीदवार की जीत अब पहले से कहीं अधिक मुश्किल हो जाएगी.  

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तेज प्रताप यादव का निर्दलीय चुनाव लड़ना न सिर्फ महुआ में आरजेडी की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है, बल्कि पार्टी के अंदरूनी समीकरण, तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता और महागठबंधन की रणनीति पर भी बड़ा असर डाल सकता है. 

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