- कांग्रेस के आदित्य कुमार राजा ने लालगंज सीट से अपना नामांकन गठबंधन की गरिमा बनाए रखने के लिए वापस लिया
- राजद ने लालगंज सीट से शिवानी शुक्ला को चुनावी सिंबल दिया, जिससे कांग्रेस और राजद आमने-सामने आ गए थे
- आदित्य राजा के नामांकन वापसी से भाजपा और राजद के बीच लालगंज विधानसभा सीट पर सीधी टक्कर संभव हुई है
बिहार में महागठबंधन में फंसी पेंच के बीच वैशाली जिले की लालगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार आदित्य कुमार राजा ने बड़ी पहल करते हुए अपना नामांकन वापस ले लिया है. महागठबंधन के घटक दलों को बड़ा मैसेज देते हुए आदित्य राजा ने चुनावी प्रक्रिया से अपना नाम वापस ले लिया है और कहा कि गठबंधन धर्म निभाने की यह पहल लोकतंत्र की धरती से उन्होंने की है.
कांग्रेस के राजा ने क्यों छोड़ा लालगंज का सियासी रण?
आदित्य कुमार राजा ने बताया है कि यह निर्णय किसी दवाब या व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि गठबंधन की गरिमा, बिहार की एकता और राहुल गांधी के विश्वास को बनाए रखने के लिए लिया गया है. बता दें कि कांग्रेस ने लालगंज से आदित्य राजा को भाजपा के संजय सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन बाद में राजद ने इसी सीट से बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को सिंबल दे दिया, जिससे इस सीट पर राजद कांग्रेस आमने-सामने आ गए थे, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी की इस पहल ने तमाम अटकलों और चुनावी कयासों पर विराम लगा दिया है.
हालांकि, नामांकन के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि अति पिछड़ा जाति से आदित्य कुमार इस लड़ाई में कमजोर कड़ी होंगे. लेकिन इनके चुनाव लड़ने से राजद और भाजपा दोनों को नुक्सान होने वाला था, चूंकि व्यापारी वर्ग का वोट लालगंज में निर्णायक होता है. ऐसे में ये भी कहा जा रहा है कि माहौल को भांपते हुए कांग्रेस के राजा ने अपने पैर पीछे खींचने का फैसला किया है.
इन उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस लिया
बहरहाल, अब लालगंज में भाजपा और राजद के बीच सीधी टक्कर होती दिखाई दे रही है. कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस लेने की पुष्टी करते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी वर्षा सिंह ने बताया कि लालगंज से कांग्रेस उम्मीदवार आदित्य कुमार के साथ'साथ महुआ से दो और महनार विधानसभा से 1 उम्मीदवार ने अपना नाम वापस लिया है. इस तरह कुल 4 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस लिया है.
- पटना साहिब से भाजपा के बागी शिशिर सिन्हा ने नामांकन वापस लिया.
- खगड़िया से पूनम देवी यादव ने अपना नामांकन वापस लिया, वे पशुपति पारस की पार्टी से उम्मीदवार बनी थीं. उनके चुनाव लड़ने से कांग्रेस के उम्मीदवार चंदन यादव को नुकसान हो सकता था.
- गोपालगंज से जनसुराज डॉ शशि शेखर सिन्हा ने नामांकन वापस लिया, उनके नामांकन वापस लेने से भाजपा को मदद मिलेगी.