दिनदहाड़े हत्या हुई है, EC को तो तुरंत एक्शन लेना चाहिए... दुलारचंद हत्याकांड पर NDTV से बोले सूरजभान सिंह

दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर सूरजभान सिंह ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अब पूरा देश चुनाव आयोग की तरफ देख रहा है. ये घटना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.

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दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर सूरजभान सिंह ने आयोग पर साधा निशाना
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  • बिहार के मोकामा में जनसुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने राजनीतिक माहौल को गरम कर दिया है
  • बाहुबली नेता सूरजभान सिंह ने इस हत्या को लोकतंत्र का हनन और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है
  • हत्या का आरोप जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर है, जबकि अनंत सिंह इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं
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मोकामा:

बिहार के मोकामा में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर सूबे में राजनीति गरमा गई है. विपक्ष जहां एक तरफ सत्ता पक्ष पर लचर कानून-व्यवस्था को लेकर हमलावर है वहीं दूसरी तरफ उनकी मांग है कि इस मामले में उचित कार्रवाई तुरंत की जानी चाहिए. इन सब के बीच NDTV ने बाहुबली नेता सूरजभान सिंह से इस हत्याकांड को लेकर खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान सूरजभान सिंह ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. आइये जानते हैं सूरजभान सिंह ने एनडीटीवी की मीनाक्षी कंडवाल से खास बातचीत में और क्या कुछ कहा. 

सूरजभान सिंह ने NDTV से बातचीत में आगे कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण कहानी, ये आम जनता को पता है. ये लोकतंत्र का हनन है. जो मुझपर आरोप लगे हैं उससे मुझे कोई दिक्कत नहीं है. जो हुआ ये सबको पता है. बिहार चुनाव सामने है और ये घटना हुई. ये घटना कोई रात में नहीं हुई, ये दिन में हुई. दिन में किस तरह का माहौल हुआ, इसका हमारे देश और राज्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसके लिए तो इस घटना की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है. 

क्या ये राजनीतिक षड्यंत्र पर सूरजभान सिंह ने कहा कि हम तो प्रचार में रहते हैं. लेकिन मेरा कहना है कि किसी उम्मीदवार के समर्थक को आप मारिए, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. इसपर तो चुनाव आयोग को भी एक्शन लेना चाहिए. ये तो पूरे देश की बेइज्जती की तरह है. सब लोग चुनाव आयोग की तरफ देख रहे हैं. आयोग को तो एक्शन लेकर देश में संदेश देना  चाहिए. चुनाव आयोग को ऐसा कानून बनाना चाहिए जिससे की उम्मीदवार या उनके साथ जो प्रचार करते हैं वो सुरक्षित रहें.

सूरजभान सिंह ने आगे कहा कि एक विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा 20 उम्मीदवार होते हैं. उम्मीदवारों को सुरक्षा देने पर काम किया जाना चाहिए. हमारी मांग है कि जिस परिवार के साथ ये घटना हुई है उनके परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिए. मेरा कहना है कि अगर सरकार सुरक्षा देती तो ऐसी घटना ही नहीं होती. ऐसी घटना से लोकतंत्र की बदनामी होती है. चुनाव आयोग की भी बदनामी है. आयोग को ऐसा कानून बनाना चाहिए जो आने वाले भविष्य में ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए.

जंगलराज के सवाल पर सूरजभान सिंह ने कहा कि जंगलराज सुनते-सुनते अब बहुत दिन हो चुके हैं. जो लोग इस चीज को लेकर आवाज उठा रहे हैं उनसे पूछिएगा कि आपने 2013 में क्यों छोड़े, 2014 में क्यों रिजाइन दिए. 2015 में क्यों चुनाव लड़े, ये सब सवा उनसे पूछना चाहिए. 

आपको बता दें कि बिहार के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान दुलारचंद यादव की हत्या तब हुई, जब वे जन सुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे. हत्या का आरोप जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर लगा है.

कौन था दुलारचंद यादव

80 और 90 दशक में आतंक का दूसरा नाम दुलारचंद यादव बिहार के बड़े बाहुबलियों में शुमार किए जाते थे. दुलारचंद यादव कभी लालू तो कभी नीतीश के क़रीबी रहे. 90 के दशक में इनका बाढ़ और मोकामा टाल में खासा प्रभाव था और ये बाहुबली के तौर पर जाने जाते थे.

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