सुधांशु त्रिवेदी का तेजस्वी पर तीखा हमला, बोले- बिहार बुद्ध का प्रदेश है, इसे बुद्धु बनाने का प्रयास न करें

तेजस्वी की घोषणाओं को झूठ का पुलिंदा बताते हुए बीजेपी ने उन पर तीखा हमला किया है. बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब बिहार का बजट ही तीन लाख 17 हजार करोड़ रुपये है तब नौकरी देने के वादे के मुताबिक 29 लाख करोड़ रुपये कहां से लाएंगे.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • तेजस्वी ने बुधवार को बड़ी संख्या में नौकरी का वादा किया, इसके बाद BJP ने उन पर राजनीतिक और व्यक्तिगत हमले किए.
  • बीजेपी ने पूछा जब बिहार का बजट ही 3 लाख 17 हजार करोड़ है, तब नौकरी के लिए 29 लाख करोड़ रुपये कहां से लाएंगे.
  • बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "बिहार बुद्ध का प्रदेश है, इसे बुद्धु बनाने का प्रयास नहीं कीजिए."
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को जीविका दीदियों और संविदाकर्मियों के लिए नौकरी का वादा किया. इसके कुछ समय बाद बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन पर न केवल राजनीतिक हमले किए बल्कि व्यक्तिगत प्रहार भी किए. बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पहले तो यह पूछा कि जो वादे किए गए हैं उसके लिए पैसे कहां से आएंगे.

उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव अब वो सारी बातें करना शुरू कर दिए हैं जो न सिर्फ उनके दावों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाती है बल्कि ऐसा लगता है कि वो चुनावी प्रक्रिया का माखौल उड़ाती है. इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि हर परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देंगे. बिहार की आबादी इस समय 13.5 करोड़ है. औसतन हर परिवार में 4.2 व्यक्ति होते हैं. ऐसे में बिहार में परिवारों की कुल संख्या तीन करोड़ कुछ लाख होती है. अभी 23 लाख लोगों के पास बिहार में सरकारी नौकरी है. उन्हें हटा दें तो भी 2 करोड़ 90 लाख के आसपास परिवार होंगे. अगर 30 हजार से लेकर 70 हजार तक के वेतन पर लोगों को नौकरी देते हैं तो 10 लाख रुपये सालाना खर्च आएगा. अगर इसे दो करोड़ से गुना कर दें तो 29 लाख करोड़ रुपये होते हैं. और बिहार का बजट है तीन लाख 17 हजार करोड़ रुपये."

तेजस्वी की कम शिक्षा पर प्रहार और भ्रष्टाचार की मंशा

इसके बाद सुधांशु त्रिवेदी ने तेजस्वी यादव की कम शिक्षा पर भी प्रहार किया. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, यह भी समझ आता है कि अगर पर्याप्त और उचित शिक्षा न हो तो नेता किस प्रकार की बात करने का प्रयास करता है."

साथ ही उन्होंने तेजस्वी की मंशा पर भी प्रहार किया. वे बोले, "तेजस्वी के 10 लाख नौकरियों की घोषणा पर जनता उनका मनोभाव नहीं समझ पाई थी. अब समझ गई है. उनका मनोभाव था कि 10 लाख में नौकरी देंगे. वो 'में' शब्द छुपा ले गए थे. 20 लाख में नौकरी देंगे. और अगर नहीं होगा 10, 20 लाख तो जमीन ले लेंगे. अब कहा है कि हर घर में नौकरी देंगे. इसका अर्थ हो गया जिस घर में सरकारी नौकरी लेनी होगी, जमीन तो पहले ही ले लिए हैं, अब घर भी बेच देना पड़ेगा. मतलब सरकारी नौकरी के बदले में घर ले लेंगे. अब तक तो जमीन ली थी. 

"बुद्धु बनाने का प्रयास नहीं कीजिए"

जहां तक वो महिलाओं की बात कर रहे हैं. आरजेडी का कोई व्यक्ति ये बोले... लालू प्रसाद जी के शासनकाल में आजीविका तो छोड़िए, महिलाओं की जान और उनके सम्मान पर जितने खतरे रहते थे वो आज भी बिहार भूला नहीं है. जो भी 30 वर्ष या उससे अधिक आयु के होंगे उनके दिमाग में बहुत स्पष्ट रूप से ये होगा. जो लोग अपने शासनकाल में न कर पाए, आज सब्जबाग दिखाने का प्रयास करते हैं तो मुझे हिंदी की कहावत याद आती है. बाप न मारे मेढ़की, बिटवा तीरंदाज."

Advertisement

अंत में उन्होंने कहा, "तेजस्वी जी बिहार की जनता के साथ मजाक करना बंद कीजिए. आपका गठबंधन और उसकी सियासत अपने आप में मजाक बन चुकी है. बिहार बहुत प्रबुद्ध, राजनीतिक दृष्टि से बहुत जागरूक लोगों की धरती है. ये बुद्ध का प्रदेश है, इसे बुद्धु बनाने का प्रयास नहीं कीजिए. आप क्रूर मजाक कर रहे हैं. जो चीज न आपके मन में है, न कर्म में है, उसे वचन में देकर धोखा देने का प्रयास नहीं हो सकता."

Featured Video Of The Day
Bihar की 'Sigma Gang' का हुआ खात्मा, अब फाइनेंसर की तलाश में जुटी पुलिस | Delhi