Sahebpur Kamal Result : RJD के गढ़ में ललन यादव का 'कमाल', सुरेंद्र कुमार को 15 हजार वोटों से हराया

बेगूसराय जिले की साहेबपुर कमाल सीट को आरजेडी प्रत्याशी और निवर्तमान विधायक सतानंद सम्बुद्ध उर्फ ललन यादव ने 15 हजार से अधिक वोटों से जीत लिया है. 

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी भले ही पिछड़ गई हो, लेकिन बेगूसराय जिले की साहेबपुर कमाल सीट पर आरजेडी प्रत्याशी और निवर्तमान विधायक सतानंद सम्बुद्ध उर्फ ललन यादव ने जीत का धमाल मचा दिया है. उन्होंने एनडीए समर्थित एलजेपी (रामविलास) के सुरेंद्र कुमार उर्फ सुरेंद्र विवेक को 15 हजार से अधिक वोटों से मात दी है. 

जदयू के बागी निर्दलीय शशिकांत कुमार शशि उर्फ अमर कुमार सिंह तीसरे नंबर पर रहे हैं. उन्हें सुरेंद्र कुमार के करीब आधे वोट ही मिल पाए. साहेबपुर कमाल सीट पर पहले चरण में वोटिंग हुई थी और यहां इस बार 71.97 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. 

प्रत्याशीपार्टीवोट मिले
सतानंद सम्बुद्ध उर्फ ललन यादवआरजेडी76798 
सुरेंद्र कुमार उर्फ सुरेंद्र विवेकएलजेपी (रामविलास)61077 
शशिकांत शशि उर्फ अमर कुमार सिंहनिर्दलीय34781 
मो. शहजादुज्जमा उर्फ सैफीनिर्दलीय4905 
नोटा-1751 

साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट बेगूसराय के सात विधानसभा क्षेत्रों- चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघरा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी (एससी) में से एक है. साहेबपुर कमाल का सबसे सकारात्मक पहलू बढ़ता मतदान प्रतिशत है. 2015 में यह 58.57 प्रतिशत था, जो 2019 लोकसभा चुनाव में 62.33 प्रतिशत और 2020 विधानसभा चुनाव में 62.87 प्रतिशत हो गया था. इस बार इन सभी का रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया. 

वोटों का गणित क्या है?

राजनीतिक रूप से साहेबपुर कमाल बिहार की नई विधानसभा सीटों में शुमार है. इसकी स्थापना 2008 के परिसीमन के बाद हुई. यह बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में है. साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 4,35,560 है, जिसमें 2,27,732 पुरुष और 2,07,828 महिलाएं शामिल हैं. मतदाता सूची में कुल 2,68,879 वोटर दर्ज हैं, जिनमें 1,41,320 पुरुष, 1,27,553 महिलाएं और 6 थर्ड जेंडर मतदाता हैं.

कब-कब किसका रहा दबदबा?

2010 के पहले साहेबपुर कमाल के चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) ने जीत दर्ज की थी, लेकिन उसके बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 2014 के उपचुनाव समेत तीन बार कब्जा जमाया. 

2014 का उपचुनाव तब हुआ, जब जेडीयू विधायक परवीन अमानुल्लाह ने नीतीश कुमार सरकार और पार्टी से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थामा. परवीन ने राजद के श्रीनारायण यादव को 11,111 वोटों से हराया. बाद में यादव ने 2014 और 2015 में सीट वापस जीती. 

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2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के सतानंद सम्बुद्ध उर्फ ललन यादव ने जेडीयू उम्मीदवार शशिकांत कुमार शशि उर्फ अमर को 14225 वोटों से हराकर जीत हासिल की. 

2020 से ठीक पहले, लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने एनडीए छोड़ा और साहेबपुर कमाल से उम्मीदवार उतारा. इससे जेडीयू के मतदान प्रतिशत पर असर पड़ा. अब चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) एनडीए में लौट चुकी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां 1,453 वोटों की मामूली बढ़त मिली थी.

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क्या खास मुद्दे रहे?

गंगा नदी के किनारे बसा साहेबपुर कमाल कृषि प्रधान क्षेत्र है. गेहूं और मक्का की खेती यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है. बरौनी औद्योगिक क्षेत्र की निकटता के बावजूद 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है.बाढ़ और सिंचाई की कमी यहां चुनौतियां बनी हुई हैं. बाढ़ से कटाव व सड़क की समस्या सबसे बड़ी है. इसके अलावे इलाके में डिग्री कॉलेज और अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं रहना भी बड़ा कारण है. लेकिन 2022 में स्वीकृत नदी पुल परियोजना से उम्मीदें जगी हैं. स्थानीय मुद्दों की बात करें तो इसमें बाढ़ नियंत्रण, रोजगार, प्रवासन और पुल परियोजना प्रमुख होंगे.

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