NDA की सुनामी में ढह गया वामपंथ का 'किला', चुनाव परिणाम बाद बेगूसराय का हाल जान लीजिए

बेगूसराय विधानसभा से भाजपा के उम्मीदवार कुंदन कुमार 30632 वोट से विजय हुए. भाजपा उम्मीदवार कुंदन कुमार को 119506 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस उम्मीदवार अमिता भूषण को 88874 मत मिले.

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बिहार बिधानसभा का चुनाव परिणाम घोषित हो चूका है. इस जीत के स्ट्राइक रेट में जहां भाजपा हीरो साबित हुई है वहीं, कांग्रेस और राजद फिर जीरो साबित भी हुई है. पिछली बार भी भाजपा के जीत का स्ट्राइक रेट सभी पार्टियों में सबसे ज्यादा था. इस बार तो जीत सुनामी बनकर आया और भाजपा सीटें जीतने में सबसे ऊपर रही.कांग्रेस इस बार भी कुछ खास नहीं कर पाई. जानकारों का मानना है की बेगूसराय में इस बार सत्ता के विरोध में लहर उठने की चर्चा थी. लेकिन चुनाव से ठीक पहले महिला उद्यमी योजना के तहत महिलाओं को 10-10 हजार रुपए देना, 125 यूनिट बिजली फ्री करना और पेंशन राशि 400 से बढ़कर 1100 करना एनडीए के लिए बड़ा फैक्टर साबित हुआ.खास कर बात बिहार के लेलिन ग्राद और कम्युनिस्टों के गढ़ माने जाने वाले बेगूसराय की करें तो बेगूसराय में एनडीए गठबंधन ने अप्रत्याशित जीत दर्ज की है. बेगूसराय के सात विधानसभा सीटो में जहाँ एनडीए पांच सीटों पर जीत दर्ज की है वही राजद ने दो सीटों पर विजय दर्ज किया है. जबकि कम्युनिस्ट का सुफड़ा साफ हो गया है. माना जा रहा है  बेगूसराय के इतिहास में पहली बा ऐसा हुआ है जब कम्युनिस्ट का जनाधार लगभग खत्म हो गया. बताते चलें की पिछले विधानसभा में कम्युनिस्ट पार्टी दो सीटों पर जीत कर अपना दबदबा बरकरार रखे हुए था पर इस बार के चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी का सफाया, कम्युनिस्टों का सबसे गिरता हुआ जनाधार का प्रतिक बन गया.

हालांकि कमोवेश राजद ने दो सीटों पर जीत दर्ज कर इस सुनामी में भी अपना दबदबा कायम रखा. जबकि कम्युनिस्ट पार्टी की तरह ही हाल कांग्रेस का भी रहा. जहां दो सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस को एक भी सीट पर कामयाबी नहीं मिली. जबकि कांग्रेस की और से प्रियंका गांधी और राहुल गांधी यहां खुद प्रचार करने आये थे. इस चुनाव प्रचार की खास बात यह रही की राहुल गांधी एक पोखर में मछली पकड़ने भी उतरे थे और जाल मे एक बड़ी मछली भी फसाया था. पर इन सब के बावजूद भी जनता की दिल मे जगह नहीं बना पाए.

चेरिया बरियारपुर से पूर्व मंत्री के बेटे ने जीत दर्ज

बेगूसराय की सात सीटों में चेरिया बरियारपुर से जदयू के अभिषेक आनंद (4119) वोट से जीते. जदयू के अभिषेक आनंद को 75081 वोट मिले तो वही राजद उम्मीदवार सुशील कुमार को 70962 मत मिले. इस विधानसभा क्षेत्र से पूर्व समाज कल्याण मंत्री और जदयू के प्रत्याशी अभिषेक आनंद ने पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के प्रत्याशी सुशील कुमार को हरा दिया है. स्थानीय स्थिति को देखते हुए राजद ने इस बार अपने सिटिंग विधायक राजवंशी महतो का टिकट काट दिया था. टिकट के लिए लगातार प्रयास कर रहे रामसखा महतो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में आ गए थे और यहां राजद की हार का कारण बना. 

बछवाड़ा सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज किया

बछवाड़ा विधानसभा से भाजपा के सुरेंद्र मेहता 15841 वोट से जीते. भाजपा के सुरेंद्र मेहता को 100343 वोट मिले तो कांग्रेस उम्मीदवार शिव प्रकाश गरीबदास को 84502 वोट मिले. इस क्षेत्र से बीजेपी ने एक बार फिर वर्तमान खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता को चुनावी मैदान में उतारा था. उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी शिव प्रकाश गरीबदास को चुनाव हरा दिया है. यहां महागठबंधन एक नहीं रह सका, कांग्रेस से जहां शिव प्रकाश गरीबदास चुनाव लड़ रहे थे तो वहीं सीपीआई से जिला मंत्री अवधेश राय भी चुनाव मैदान में आ गए. यह बीजेपी की जीत के लिए बड़ा फैक्टर साबित हुआ.

कम्युनिस्ट के गढ़ में भाजपा का कमल खिला 

तेघरा विधानसभा से भाजपा के रजनीश कुमार 35364 वोट से जीते. भाजपा उम्मीदवार रजनीश कुमार को 112770 वोट मिले तो वही सीपीआई उम्मीदवार रामरतन सिंह को 77406 मत मिले. इस विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधान पार्षद और बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके रजनीश कुमार ने सीपीआई के वर्तमान विधायक राम रतन सिंह को चुनाव हरा दिया है. यहां भी स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा खूब जोर-जोर से उठा. लेकिन जनता ने रजनीश कुमार पर विश्वास जताया और उन्हें अपार वोट देकर विजय श्री हासिल करवा दी. 

जेडीयू के राजकुमार सिंह को बोगो सिंह ने हराया

मटिहानी विधानसभा से राजद के उम्मीदवार नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह 5290 वोट से जीते. राजद उम्मीदवार नरेंद्र कुमार सिंह को 117789 वोट मिले तो वही जदयू उम्मीदवार राजकुमार सिंह को 112499 मत मिले. मटिहानी से चार बार के विधायक रह चुके राजद प्रत्याशी नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने वर्तमान विधायक और जदयू के प्रत्याशी राजकुमार सिंह को हरा दिया है. 2020 में राजकुमार सिंह मटिहानी से लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और उन्होंने तत्कालीन जदयू विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह को चुनाव हराया था. चुनाव जीतने के बाद राजकुमार सिंह जदयू में चले गए और इस बार भी जदयू ने उन्हें मटिहानी से मैदान में उतारा था. लेकिन कड़े मुकाबले में इस बार बोगो सिंह ने हरा दिया है.

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जदयू के बागी उम्मीदवार ने बिगाड़ा NDA का खेल

साहेबपुरकमाल विधानसभा से राजद उम्मीदवार सतानंद समबुद्ध उर्फ ललन यादव 15721 वोट से जीते. राजद उम्मीदवार सतानंद समबुद्ध को 76798 मत मिले तो वही लोजपा (आर) के प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार उर्फ सुरेंद्र विवेक को 
61 077 वोट मिले. इस क्षेत्र के मतदाताओं ने एक बार फिर पूर्व मंत्री श्रीनारायण यादव के पुत्र और राजद प्रत्याशी वर्तमान विधायक सत्तानंद संबुद्ध उर्फ ललन यादव पर विश्वास जताते हुए उन्हें जीत का माला पहनाया. ललन यादव ने लोजपा (आर) के सुरेंद्र विवेक को हराया है. यहां जदयू के बागी अमर कुमार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे थे और यही एनडीए के हार का कारण बने.

भाजपा ने एक बार फिर इस सीट पर कब्जा जमाया 

बेगूसराय विधानसभा से भाजपा के उम्मीदवार कुंदन कुमार 30632 वोट से विजय हुए. भाजपा उम्मीदवार कुंदन कुमार को 119506 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस उम्मीदवार अमिता भूषण को 88874 मत मिले. इस सीट पर 6 नवंबर को मतदान के बाद अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन सभी के आशाओं को दरकिनार करते हुए बीजेपी के कुंदन कुमार एक बार फिर बेगूसराय से चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने कांग्रेस के अमित भूषण को हराया है. 2020 में भी कुंदन कुमार ने तत्कालीन विधायक अमिता भूषण को हराया था.

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इस सीट पर लोजपा (आर) ने जीता 

बखरी विधानसभा से लोजपा (आर) के प्रत्याशी संजय कुमार 17318 वोट से जीते. लोजपा (आर) के उम्मीदवार संजय कुमार को 98511 वोट मिले वही सीपीआई उम्मीदवार सूर्यकांत पासवान को 8193 वोट मिले. इस सीट से लोजपा (आर) के संजय पासवान ने सीपीआई के वर्तमान विधायक और प्रत्याशी सूर्यकांत पासवान को हरा दिया है. यहां बाहरी और स्थानीय का खूब नारा चला. शुरुआती दौर में बीजेपी के कार्यकर्ता लोजपा (आर) को टिकट मिलने से नाराज थे. लेकिन चुनाव के दौरान सारी नाराजगी दूर हो गई. लोजपा (आर) ने पहली बार यहां से विजय हासिल किया है.

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