- बिहार चुनाव में NDA ने मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्र में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाकर कुल 61 सीटें जीत लीं
- 2020 के मुकाबले इस बार NDA को मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्र में बारह सीटों का स्पष्ट लाभ प्राप्त हुआ है
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने बिहार चुनाव में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत की है
बिहार चुनाव में NDA की बंपर जीत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसकी सहयोगी पार्टियों के लिए कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. यह पहला ऐसा चुनाव था जिसमें बीजेपी ने अपने दम पर बिहार में इतनी सीटें जीती हों, वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने भी इस बार ना भूलने वाला प्रदर्शन किया है. NDA की इस बंपर जीत के पीछे मखाना फैक्टर का भी बड़ा योगदान रहा है. यानी की NDA ने मिथिलांचल और सीमांचल में एक नीतिगत तरीके से अपना चुनाव प्रचार किया और उसे इसका बंपर फायदा भी हुआ है.
अगर हम 2020 के चुनाव की तुलना 2025 से करें तो NDA को 2020 मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्र के कुल 78 सीटों से 49 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं इस बार के चुनाव में ये आंकड़ा 61 तक पहुंच गया है यानी पिछले चुनाव से NDA को 12 सीटों का फायदा हुआ है.
वहीं, बात अगर महागठबंधन की करें तो 2020 में इसे मथिलांचल और सीमाचल क्षेत्र की कुल 78 सीटों में से 24 पर जीत हासिल हुई थी. वहीं इस बार ये आंकड़ा घटकर महज 12 रह गया है यानी महागठबंधन को इस चुनाव में मिथिलांचल और सीमांचल में कुल 12 सीटों का नुकसान हुआ है.
उधर, इस बार एआईएमआईएम के लिए भी मखाना फैक्टर ने एक बड़ी भूमिका निभाई है.हालांकि, इसके प्रदर्शन में कोई बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन अहम ये है कि ओवैसी की पार्टी को इस क्षेत्र में कोई नुकसान नहीं हुआ है. 2020 के चुनाव में एआईएमआईएम ने कुल 5 सीटें जीती थीं. इस बार के चुनाव में भी ओवैसी की पार्टी को पांच सीटों पर जीत मिली है.














