- बिहार की नई एनडीए सरकार की प्राथमिकताओं में महिलाओं का सशक्तिकरण और रोजगार प्रमुख हैं
- केसी त्यागी ने बताया कि प्राथमिकताओं में आरक्षण बढ़ाना और महिलाओं के लिए 33% कोटा सुनिश्चित करना भी है
- बिहार में NDA को जैसा जनादेश मिला है, उससे नई सरकार पर एक तरह का साइकोलॉजिकल दबाव रहेगा
बिहार में प्रचंड जीत के बाद नई एनडीए सरकार ने अपने शासन का एजेंडा स्पष्ट कर दिया है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने NDTV से बात करते हुए सरकार की भावी योजनाओं और प्राथमिकताओं का ब्यौरा दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, रोजगार, आरक्षण की सीमा बढ़ाना और जनगणना के बाद विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी कोटा सुनिश्चित करने की होगी.
केसी त्यागी ने कहा कि नई सरकार की बड़ी प्राथमिकता महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने की होगी. उन्होंने नीतीश सरकार की उस योजना का जिक्र किया जिसके तहत महिलाओं को 10 हजार की आर्थिक मदद दी जाती है. उन्होंने कहा कि यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण और रोजगार से जुड़ी है. इसके तहत पारंपरिक कारीगर व्यवसायों से जुड़ी महिलाओं को सहायता दी जा रही है.
कई महिला संगठन ने बताया है कि कुछ महिलाओं ने सिलाई मशीन खरीदी है, कई ने बकरियां खरीदी हैं, कई मुर्गी पालन में लग गई हैं. केसी त्यागी मानते हैं कि इस योजना की वजह से जो पैतृक काम-धंधे खत्म हो गए था, उन्हें फिर शुरु करना संभव हो सकेगा.
उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव से पहले जो पहली किस्त सरकार ने महिलाओं के लिए आवंटित की थी, वह बढ़कर 2 लाख रुपए तक जाएगी. इससे पलायन भी रुकेगा और रोजगार भी पैदा होगा.
जेडीयू के वरिष्ठ नेता का कहना था कि जो जातिगत जनगणना बिहार में की गई है, उसमें पिछड़े वर्ग की संख्या 64% दिखाई गई है. आरक्षण की सीमा बढ़े, इसके लिए केंद्र सरकार से आवेदन किया जाएगा कि इसको 9वें शेड्यूल में डाला जाए ताकि यह जुडिशल रिव्यू से बाहर हो जाए और गरीब, वंचित समाज के साथ किए गए वादे पूरा किया जा सके.
केसी त्यागी ने कहा कि केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि नई जनगणना के बाद महिलाओं के लिए संसद और विधानसभा में 33% आरक्षण किया जाएगा. सीएम नीतीश कुमार तो इसके लिए लोकसभा में भी लड़े हैं. इस 33 फीसदी आरक्षण के तहत एससी-एसटी, बैकवर्ड और माइनॉरिटी का कोटा होगा. इसे लागू करने के लिए भी सरकार प्रयास करेगी.
उनका कहना था कि बिहार में NDA को जिस तरह का बंपर जनादेश मिला है, उसके बाद बिहार में बनने वाली नई सरकार पर एक तरह का साइकोलॉजिकल दबाव रहेगा. लेकिन चुनाव अभियान के दौरान एनडीए ने जो भी वादे किए हैं, उसे एक एक करके लागू किया जाएगा.














