Madhepura Result Live: मधेपुरा विधानसभा सीट पर जीत का चौका लगाएगी RJD? चंद्रशेखर यादव को रुझानों में बढ़त

Madhepura Assembly Seat Result LIVE 2025 : राजनीतिक रूप से मधेपुरा को यादव राजनीति का अजेय गढ़ माना जाता है. यहां आज तक यादवों के अलावा किसी दूसरे उम्मीदवार को कभी मौका नहीं दिया गया.

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Bihar, Madhepura Assembly Election Result LIVE 2025: मधेपुरा सीट के नतीजे
नई दिल्ली:

Bihar Election Result 2025 Live: बिहार का मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र को यादव पॉलिटिक्स का एक अभेद किला माना जाता है.इस बार मधेपुरा सीट पर आरजेडी उम्मीदवार और जेडीयू प्रत्याशी के बीच सीधी टक्कर है. आरजेडी से चंद्रशेखर यादव को टिकट दिया गया है और जेडीयू की तरफ से कविता कुमारी शाह चुनावी मैदान में हैं. चंद्रशेखर यादव लगातार तीन बार (2015, 2020 और 2021 उपचुनाव) जीतकर अपनी पकड़ मजबूत कर चुके हैं. 

Madhepura Election Result LIVE 2025: 

बिहार की मधेपुरा विधानसभा सीट पर वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है, और शुरुआती रुझानों में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के चंद्रशेखर यादव सबसे आगे चल रहे हैं.वर्तमान में भी प्रो. चंद्रशेखर ही इस सीट से विधायक हैं और महागठबंधन सरकार में वह शिक्षा मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं. यह सीट यादव-मुस्लिम गठजोड़ के कारण लंबे समय से आरजेडी का गढ़ मानी जाती है, जहां यादव वोटर की आबादी काफी ज्यादा है.

बिहार के कोसी क्षेत्र में स्थित मधेपुरा विधानसभा सीट सिर्फ एक राजनीतिक युद्धभूमि नहीं, बल्कि बिहार की समृद्ध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का केंद्र भी है. सहरसा से अलग होकर 1981 में जिला बना मधेपुरा, कोसी नदी के आशीर्वाद और अभिशाप दोनों को समेटे हुए है. जहां कोसी की उपजाऊ मिट्टी इसकी अर्थव्यवस्था का आधार है, वहीं हर साल आने वाली विनाशकारी बाढ़ यहां के कृषि-आधारित जीवन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी रहती है. 

आरजेडी का पलड़ा भारी

इस बार मधेपुरा सीट पर आरजेडी उम्मीदवार और जेडीयू प्रत्याशी के बीच सीधी टक्कर है. एग्जिट पोल में इस सीट पर एनडीए की हार होती दिखी. आरजेडी से चंद्रशेखर यादव को टिकट दिया गया है और जेडीयू की तरफ से कविता कुमारी शाह चुनावी मैदान में हैं. फिलहाल ये सीट आरजेडी के कब्जे में है. चंद्रशेखर यादव लगातार तीन बार (2015, 2020 और 2021 उपचुनाव) जीतकर अपनी पकड़ मजबूत कर चुके हैं. इस सीट पर बीजेपी की राजनीतिक मौजूदगी काफी सीमित रही है और उसे यहां आज तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है. 

यादव पॉलिटिक्स का अभेद किला

राजनीतिक रूप से मधेपुरा को यादव राजनीति का अजेय गढ़ माना जाता है. 1957 से लेकर अब तक के 17 विधानसभा चुनावों में, इस सीट पर सिर्फ यादव समुदाय के उम्मीदवार को ही जीत मिली है. लोकसभा चुनावों में भी यह ट्रेंड कायम रहा है. क्षेत्र की कुल जनसंख्या में सबसे ज्यादा संख्या यादव मतदाताओं की है, जो यहां के चुनावी नतीजों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

ऐसा रहा है राजनीतिक इतिहास

मधेपुरा की राजनीति में तीन दिग्गज नेताओं लालू प्रसाद यादव, शरद यादव और पप्पू यादव का नाम गूंजता रहा है, भले ही इनमें से किसी का मूल संबंध इस जिले से न रहा हो. 

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लालू बनाम शरद: लालू प्रसाद यादव ने ही शरद यादव को मधेपुरा की राजनीति में स्थापित किया था. हालांकि, बाद में दोनों की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता इतनी तीखी हुई कि 1999 के लोकसभा चुनाव में शरद यादव ने लालू प्रसाद को हराकर एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर कर दिया. 

पप्पू यादव का प्रभाव: बाहुबली से नेता बने पप्पू यादव ने भी यहां अपनी राजनीतिक पैठ बनाई, जिससे यादव वोटों का स्पष्ट ध्रुवीकरण कभी किसी एक नेता के पक्ष में स्थायी नहीं रह पाया. हालांकि पलड़ा आरजेडी का ही भारी रहा है. 

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कुल वोटर और चुनावी मुद्दे

इस सीट पर कुल कुल मतदाताओं की संख्या 3,51,561 है. जिसमें 1,82,255 पुरुष मतदाता  और 1,69,289 महिला मतदाता शामिल हैं. वहीं 17 थर्ड जेंडर वोटर हैं. चुनावी मुद्दों की बात करें तो बेरोजगारी, कोसी की बाढ़ का स्थायी समाधान, कृषि सुधार, इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास और युवाओं का भविष्य यहां के बड़े चुनावी मुद्दे रहे. 

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