बिहार में मतदान के दौरान बुर्के में आने वाली वोटरों की कैसे होगी जांच, जानें चुनाव आयोग ने क्या बताया

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर आने वाली महिलाओं की पहचान उनके वोटर कार्ड से की जाए.

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  • मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बुर्कानशीं महिलाओं को पहचान के बाद ही मतदान की अनुमति दी जाएगी
  • CEC ने कहा- हर बूथ पर आंगनबाड़ी सेविकाएं बुर्कानशीं महिलाओं की पहचान के लिए तैनात की जाएंगी
  • बीजेपी ने पहचान के बाद ही बुर्कानशीं महिलाओं को वोट डालने की इजाजत देने की हाल ही में मांग की थी
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बिहार चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ कर दिया कि मतदान के दौरान बुर्कानशीं महिलाओं को पहचान के बाद ही वोट डालने की इजाजत दी जाएगी. जरूरत पड़ी तो बुर्कानशीं महिलाओं की भी चेकिंग की जाएगी. बुर्कानशीं महिलाओं की पहचान के लिए आंगनबाड़ी सेविकाएं हर बूथ पर मौजूद रहेंगी. 

बुर्कानशीं वोटर्स की पहचान को लेकर सवाल के जवाब में मुख्य चु्नाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी चीज की एक प्रक्रिया है. जहां तक बुर्कानशीं महिलाओं की पहचान का सवाल हो तो उसके लिए आंगनबाड़ी सेविकाएं हर बूथ पर मौजूद रहेंगी. अगर जरूरत पड़ी तो बुर्कानशीं महिलाओं की चेकिंग होगी. उन्होंने कहा कि इस बारे में चुनाव आयोग का साफ आदेश है. मानकों का कड़ाई से पालन किया जाएगा. 

बता दें कि बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शनिवार को ही चुनाव आयोग से मांग की थी कि मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर आने वाली महिलाओं की पहचान उनके मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) के साथ की जाए. हालांकि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इसकी निंदा की थी. 

बिहार बीजेपी के नेता दिलीप जायसवाल ने कहा था कि हमने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि बुर्का पहनने वाली महिलाओं सहित सभी मतदाताओं के चेहरों का उनके ईपीआईसी (वोटर) कार्ड से मिलान सुनिश्चित किया जाए ताकि सिर्फ वास्तविक मतदाता ही मताधिकार का प्रयोग कर सकें.

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वहीं आरजेडी के नेता अभय कुशवाहा कुशवाहा ने इसका विरोध करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया था. उनका कहना था कि हाल ही में वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किया गया है और सभी वोटरों को नए फोटोयुक्त आईडी जारी की गई है. ऐसे में पहचान कोई बड़ी समस्या नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इस मांग के जरिए अपना एजेंडा थोपना चाहती है. 

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा 2025 की तारीखों का ऐलान कर दिया है. राज्य में दो चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नंवबर को होगी. नतीजों की घोषणा 14 नवंबर को की जाएगी. 

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2020 के बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में आयोजित किए गए थे. लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की मांग को ध्यान में रखते हुए दो चरणों में ही चुनाव कराने का ऐलान किया है. बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं.

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