बिहार चुनाव: महागठबंधन में 'खींचतान' से क्या इस बार बदल जाएगा बिहार शरीफ का 'खेल'? पढ़ें इनसाइड स्टोरी

बिहार शरीफ विधानसभा सीट पर महागठबंधन में दरार साफ दिखने लगी है. यहां से सीपीआई उम्मीदवार शिवकुमार यादव और कांग्रेस के उमेर खान दोनों ही महागठबंधन समर्थित प्रत्याशी के तौर पर चुनावी रण में उतर चुके हैं.

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बिहार शरीफ सीट पर महागठबंधन में खींचतान जारी
बिहार शरीफ:

बिहार चुनाव में इस बार बिहारशरीफ विधानसभा पर भी महागठबंधन की खींचतान दिख रही है. बिहार शरीफ विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी उमैर खां ने पर्चा दाखिल कर मैदान में हैं. ये गया जिले के निवासी हैं. इन पर गया जिला के अलग-अलग थाने और रेल थाना में सात केस दर्ज है. हालांकि, सभी मामला विचाराधीन हैं. ये पूर्व मंत्री स्व.शकील अहमद खां के भांजे हैं.ये दो वाहन के स्वामी हैं.पत्नी के नाम से भी एक वाहन है. उमैर खान जेवर के शौकीन नहीं हैं.पत्नी के पास 200 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी है.ये हथियार के शौकीन हैं.ये 3 करोड़ 77 लाख 38 हजार 142 रुपए के स्वामी हैं.

बिहार विधानसभा से महागठबंधन के सीपीआई से शिवकुमार यादव को प्रत्यासी बनाया गया है.शिवकुमार यादव नालंदा ज़िले के बिहार शरीफ के राणा बीघा के निवासी हैं जिसोर कई केश दर्ज है इन्होंने अपने हलफनामे में केश का विवरण दिया है जिसमे बिहार थाने में 2018 ,2022 और 2024 में कुल 3 केश दर्ज है जो विचाराधीन है और जमानत पर हैं .शिवकुमार यादव की कुल बर्तमान बाजार मूल्य 16 करोड़ 50 लाख के स्वामी है.

महागठबंधन के दो प्रत्यासी को विधानसभा में उतार देने से दोनों गठबंधन के प्रत्यासी आपस मे भी धीरे धीरे उलझते जा रहे है दोनो प्रत्यासी एक दूसरे पर छींटा कसी करने में लग गए हैं.  जहां एक तरफ कांग्रेस के उमैर खान महागठबंधन के दूसरे प्रत्यासी सीपीआई के शिवकुमार यादव पर कटाच्छ करते हुए कहा कि गठबंधन के आलाकमान ने मुझे प्रत्यासी बनाया है.  मैं ही महागठबंधन के प्रत्यासी सीपीआई के शिवकुमार यादव ने रोड शो और राजद के साथ कॉन्फ्रेंस  कर महागठबंधन  का असली प्रत्यासी बताते हुए कहा कि हमारे साथ महागठबंधन के सभी लोग है . कांग्रेस झूठ बोल रहा है उमैर खान बाहर से पैरासूट से आया उम्मीदवार है जबकि हम यहां के लोगो के लिये दुख सुख में साथ रहने बाल व्यक्ति है , जब काम करने की बारी आई तो सीपीआई करे और चुनाव लड़ने का हो तो बाहर से आये कांग्रेस प्रत्यासी , कांग्रेस लोगो को ठग रही है . 

महागठबंधन में खींचतान जारी

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच महागठबंधन में खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी है. दोनों प्रत्यासी आमने-सामने हैं.एक ओर नेता ऑल इज वेल का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर मैदान में महागठबंधन के ही उम्मीदवार आमने-सामने खड़े नज़र आ रहे हैं.

महागठबंधन में दरार ? 

बिहार शरीफ विधानसभा सीट पर महागठबंधन में दरार साफ दिखने लगी है. यहां से सीपीआई उम्मीदवार शिवकुमार यादव और कांग्रेस के उमेर खान दोनों ही महागठबंधन समर्थित प्रत्याशी के तौर पर चुनावी रण में उतर चुके हैं. हालांकि शुरुआत में यह कहा जा रहा था कि महागठबंधन के एक प्रत्याशी अपना नाम वापस लेंगे लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है. इसका नतीजा अब दोनों ही उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं.इसी कड़ी में सीपीआई प्रत्याशी शिवकुमार यादव ने बिहार शरीफ में जोरदार पैदल मार्च निकाला.

इसी साल मार्च में सीपीआई, वीआईपी और माले के झंडे तो खूब दिखाई दिए, लेकिन कांग्रेस का झंडा नदारद रहा . ऐसे में सवाल उठ रहा है कि महागठबंधन में आखिर तालमेल है कहां? एक ओर सभी दल एकजुटता का दावा कर रहे हैं. मतदाताओं के बीच भी अब असमंजस की स्थिति बन गई है कि आखिर महागठबंधन का असल उम्मीदवार कौन है.सीपीआई उम्मीदवार शिवकुमार यादव ने कहा " हमारी सीधी लड़ाई भाजपा से है , कांग्रेस हमारे सामने कुछ नहीं है. राजद ने हमें समर्थन दिया तभी हमने नामांकन किया.

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कांग्रेस का झंडा मांगा था लेकिन उन्होंने दिया नहीं. कांग्रेस का उम्मीदवार पैराशूट प्रत्याशी है.अब बिहार शरीफ की लड़ाई दिलचस्प हो चली है जहां महागठबंधन का अंदरूनी टकराव ही चुनावी मुकाबले को नई दिशा दे रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी उमेर खान ने अभी भी महागठबंधन में सब ठीक होने की बात कर रहे है.अभी भी उमेर खान को भरोसा है कि आलाकमान चुनाव में हो रहे खींचतान को ठीक कर देगी. विपक्ष के द्वारा ही महागठबंधन के बारे में लोगों के बीच जाकर कन्फ्यूजन पैदा करने का काम कर रहे है.

महागठबंधन के टकराव से बदल जायेगा समीकरण

अब देखना होगा की आने बाले समय मे महागठबंधन की यह लड़ाई क्या खेला करेगी . क्या महागठबंधन के शीर्ष नेता इस हॉट सीट यानी यहाँ से लगातार 5 बार रहे बीजेपी के विधायकऔर बिहार सरकार में रहे मंत्री डॉ सुनील से किस तरह टक्कर लेगी और अपनी जीत के लिये क्या तिकड़म लगाएगी , महागठबंधन के 2 प्रत्यासी के टकराव से बीजेपी के प्रत्यासी डॉ सुनील कुमार को फायदा होना लाजमी है , देखना होगा किसको कितना मिलता है इसका फायदा .

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