- असदुद्दीन ओवैसी ने राहुल गांधी के फर्जी वोटर आरोपों पर अपनी पार्टी की चुनावी जांच प्रक्रिया का ब्यौरा दिया
- ओवैसी ने बताया कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट को बार-बार जांचती है
- ओवैसी ने चुनाव आयोग से फर्जी वोटर आरोपों पर संज्ञान लेने और वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा रखने की अपील की
बिहार विधानसभा चुनाव में अब दूसरे चरण के मतदान को लेकर चुनाव प्रचार जोरों पर है. सभी पार्टियां प्रचार का दिन खत्म होने से पहले ज्यादा से ज्यादा वोटर्स तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिशों में लगी हैं. बिहार में इस बार का चुनाव बीते कई चुनाव से काफी अलग है. इस बार के चुनाव में महागठबंधन और एनडीए के साथ-साथ कई नई पार्टियां भी मैदान में हैं. ऐसे में इस चुनाव में सत्ता की चाबी किसे मिलेगी ये चुनाव नतीजों के बाद ही साफ हो पाएगा. बिहार चुनाव प्रचार के दौरान NDTV के एडिटर इन चीफ राहुल कवंल ने AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान ओवैसी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को फर्जी वोटर को लेकर उनके आरोपों पर सलाह दे दी.
इस खास इंटरव्यू में ओवैसी ने कहा कि हमारी पार्टी में एक इलेक्शन सेल है. इनका काम वोटर लिस्ट को चेक करने का होता है. आयोग की तरफ से एक लिस्ट अक्टूबर में आती है लिस्ट, हम उसे देखते हैं, फिर नाम जोड़ने का समय जनवरी में आता है, उस समय भी हम चेक करते हैं. फिर चुनाव के समय एक वोटर लिस्ट आती है, हम फिर उसे भी चेक करते हैं. जब आपका मुकाबला बीजेपी से हो तो आपको और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
ओवैसी ने आगे कहा कि 2009 में भी ऐसा ही हुआ था, हमने क्या किया था कि एक विधानसभा क्षेत्र में देखा कि नाम बढ़ गए. हमने जांच किया तो देखा कि जो नाम बढ़े हैं वो सभी बीजेपी के हैं. हमने फिर बूथ पर अपने कार्यकर्ताओं को बिठाया और फिर कहा कि जिसपर शक हो उसे लेकर चैलेंज करो. ऐसे में जो दूसरे नाम जोड़े गए थे वो वोट डालने ही नहीं आए.
उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट आपका (चुनाव आयोग) सबसे बड़ा हथियार है. अगर आप हथियार को ही साफ नहीं रखेंगे, जंग लगने देंगे तो ये गलत है. राहुल गांधी अगर इतनी बड़ी तदाद में इतने नाम बता रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि चुनाव आयोग को उसका संज्ञान लेना चाहिए. बीजेपी सिर्फ चुनाव में ही चुनाव नहीं लड़ते वो आम दिनों में भी चुनाव के लिए काम करते रहते हैं. हमें इससे काफी कुछ सीखना चाहिए.













