दानापुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने पलटी बाजी, आरजेडी को मिली करारी हार

बिहार चुनाव में दानापुर सीट की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही थी. यहां का इतिहास बहुत ही रोचक है. दानापुर सीट पर बीजेपी ने आरजेडी को हरा दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
दानापुर सीट

बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाली दानापुर विधानसभा सीट पर अब बीजेपी ने कब्जा कर लिया है. बीजेपी के रामकृपाल यादव ने यहां के सिटिंग विधायक रीतलाल रॉय को हरा दिया है. इस सीट पर कांटे की टक्कर बताई जा रही थी, लेकिन अब नतीजों में जीत का अंतर 29 हजार से ज्यादा है. 

राजनीतिक इतिहास रहा है रोचक

दानापुर में राजनीतिक इतिहास भी उतना ही रोचक है. अब तक कांग्रेस और बीजेपी ने पांच-पांच बार सीट जीती है. आरजेडी और जनता दल ने मिलकर भी पांच बारजीत दर्ज की है. 1985 में यहां एक निर्दलीय उम्मीदवार की भी जीत हुई थी. 1957 में कांग्रेस के जगत नारायण लाल ने यहां से पहली जीत दर्ज की थी. 1962 और 1967 में रामसेवक सिंह ने सोशलिस्ट पार्टी से बाजी मारी.

बुद्धदेव सिंह ने कांग्रेस की ओर से 1969 और 1980 में जीत हासिल की. इसके बाद रामलखन सिंह यादव, जिन्हें ‘शेरे बिहार' कहा जाता था, वो 1977 में विधायक बने. 1995 में लालू प्रसाद यादव खुद मैदान में उतरे और जीत दर्ज की, लेकिन उन्होंने सीट छोड़ दी, जिससे 1996 का उपचुनाव हुआ. बीजेपी के विजय सिंह यादव यहां पहली बार जीते. 2000 में एक बार फिर लालू यादव ने चुनाव जीता, पर फिर सीट छोड़ी, जिससे 2002 में उपचुनाव हुआ और आरजेडी के रामानंद यादव विजयी हुए.

2005 से 2015 तक बीजेपी की आशा सिन्हा ने तीन बार लगातार जीत दर्ज की, लेकिन 2020 में RJD के रीतलाल यादव ने उन्हें हराकर सीट पर कब्जा किया. वहीं बीजेपी ने अब इस सीट पर वापसी की है. 

क्या हैं जातीय समीकरण?

इस सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां यादव मतदाता 22%, एससी 11.88% और मुस्लिम मतदाता लगभग 6.5% हैं. शहरी वोटर 66% और ग्रामीण 34% हैं. इस बार भी आरजेडी की तरफ से रीतलाल यादव को टिकट दिया गया था, जो इस सीट पर मौजूदा विधायक थे. रीतलाल यादव रंगदारी के एक मामले में जेल में बंद हैं. बीजेपी ने इस सीट पर रामकृपाल यादव को टिकट दिया था. 

Featured Video Of The Day
IndiGo Flight Cancellation: इंडिगो फ्लाइट्स में अटके यात्रियों की आपबीती सुनिए | Breaking News