दानापुर विधानसभा सीट: बीजेपी और आरजेडी में कांटे की टक्कर, जेल से ही चुनाव लड़ रहे सिटिंग विधायक

बिहार चुनाव में दानापुर सीट की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है. यहां का इतिहास बहुत ही रोचक है. दानापुर सीट पर बीजेपी और आरजेडी की टक्कर है.

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दानापुर सीट

बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाली दानापुर विधानसभा सीट एक बार फिर चुनावी चर्चा में है. 2025 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर करीब 3,74,193 वोटर्स वोट डालेंगे. दानापुर की भौगोलिक संरचना काफी खास है. यहां शहरी, ग्रामीण और दियारा तीनों क्षेत्र हैं. इलाके में मेट्रो और एलीवेटेड रोड जैसी परियोजनाएं चल रही हैं, लेकिन जल निकासी, बाढ़ और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसी समस्याएं अब भी गंभीर बनी हुई हैं. आइए इस सीट का पूरा चुनावी इतिहास जानते हैं. 

राजनीतिक इतिहास रहा है रोचक

दानापुर में राजनीतिक इतिहास भी उतना ही रोचक है. अब तक कांग्रेस और बीजेपी ने पांच-पांच बार सीट जीती है. आरजेडी और जनता दल ने मिलकर भी पांच बारजीत दर्ज की है. 1985 में यहां एक निर्दलीय उम्मीदवार की भी जीत हुई थी. 1957 में कांग्रेस के जगत नारायण लाल ने यहां से पहली जीत दर्ज की थी. 1962 और 1967 में रामसेवक सिंह ने सोशलिस्ट पार्टी से बाजी मारी. बुद्धदेव सिंह ने कांग्रेस की ओर से 1969 और 1980 में जीत हासिल की. इसके बाद रामलखन सिंह यादव, जिन्हें ‘शेरे बिहार' कहा जाता था, वो 1977 में विधायक बने. 1995 में लालू प्रसाद यादव खुद मैदान में उतरे और जीत दर्ज की, लेकिन उन्होंने सीट छोड़ दी, जिससे 1996 का उपचुनाव हुआ. बीजेपी के विजय सिंह यादव यहां पहली बार जीते. 2000 में एक बार फिर लालू यादव ने चुनाव जीता, पर फिर सीट छोड़ी, जिससे 2002 में उपचुनाव हुआ और आरजेडी के रामानंद यादव विजयी हुए.

2005 से 2015 तक बीजेपी की आशा सिन्हा ने तीन बार लगातार जीत दर्ज की, लेकिन 2020 में RJD के रीतलाल यादव ने उन्हें हराकर सीट पर कब्जा किया. अब एक बार फिर BJP और RJD आमने-सामने हैं. RJD जहां सीट को बरकरार रखना चाहती है, वहीं बीजेपी हर हाल में वापसी के मूड में है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भले ही मीसा भारती ने पाटलिपुत्र सीट जीती, लेकिन दानापुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को बढ़त मिली थी.

क्या हैं जातीय समीकरण?

इस सीट पर जातीय समीकरण इस बार भी चुनाव की दिशा तय करेंगे. यहां यादव मतदाता 22%, एससी 11.88% और मुस्लिम मतदाता लगभग 6.5% हैं. शहरी वोटर 66% और ग्रामीण 34% हैं, जिससे साफ होता है कि दोनों ही वर्गों का झुकाव नतीजे बदल सकता है. 

किसके बीच है टक्कर?

इस बार भी आरजेडी की तरफ से रीतलाल यादव को टिकट दिया गया है, जो इस सीट पर मौजूदा विधायक हैं. रीतलाल यादव फिलहाल रंगदारी के एक मामले में जेल में बंद हैं. बीजेपी ने इस सीट पर रामकृपाल यादव को टिकट दिया है. अब देखना होगा कि रीतलाल जेल से ही अपना जलवा कायम रखते हैं या फिर इस बार बीजेपी बाजी मारती है.

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