Bihar Election 2025: दशक बाद नक्सलियों की मांद में गूंजेगी लोकतंत्र की आवाज, माफिया-नक्सली पर नकेल का प्लान तैयार

Bihar Election 2025: जिला निर्वाचन पदाधिकारी रवि प्रकाश ने साफ कर दिया है कि अब दनिया का बूथ कहीं और शिफ्ट नहीं होगा. इसी बूथ पर शांतिपूर्ण मतदान कराया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Bihar Election 2025: झारखंड सीमा से सटे बिहार के नवादा के दनिया गांव में, एक दशक बाद फिर गूंजेगा मतदान का उद्घोष. साल 2014 में नक्सली हमले के बाद से निष्क्रिय पड़े इस बूथ पर इस बार आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है. अब की बार न दहशत हावी होगी, न लोकतंत्र झुकेगा. 2025 के विधानसभा चुनाव में दनिया सहित झारखंड सीमा से सटे 20 संवेदनशील बूथों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम के साथ वोटिंग कराई जाएगी.

साल 2014 में दहशत फैला था, अब लोकतंत्र की वापसी

13 अप्रैल 2014 को दनिया बूथ से लौट रही पोलिंग पार्टी पर कौआकोल के हदहदवा जंगल में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया था. भले ही जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन तब से यह इलाका चुनावी नक्शे से गायब हो गया. मतदान टाल दिए गए और ग्रामीणों ने विरोध में मतदान बहिष्कार का ऐलान कर दिया.

हर चुनाव में उठती रही आवाज, लेकिन अनसुनी रही

दनिया में करीब 800 मतदाता हैं, जिनमें रानीगदर, झरनवा और करमाटांड जैसे गांव शामिल हैं. साल 2010 के विधानसभा चुनाव में यहां 43.21% और 2014 के लोकसभा चुनाव में 49.73% मतदान हुआ था. लेकिन हमले के बाद सुरक्षा के अभाव में वोटिंग बंद हो गई. 2024 के लोकसभा चुनाव में दनिया का बूथ गांव से 15 किमी दूर पचम्बा स्थानांतरित किया गया. नतीजन ग्रामीणों ने फिर से मतदान का बहिष्कार किया, और सिर्फ 28 वोट ही पड़ सके.

20 नक्सल प्रभावित बूथ चिन्हित, तैयारी युद्धस्तर पर

जिला निर्वाचन पदाधिकारी रवि प्रकाश ने साफ कर दिया है कि अब दनिया का बूथ कहीं और शिफ्ट नहीं होगा. इसी बूथ पर शांतिपूर्ण मतदान कराया जाएगा. प्रशासन झारखंड के कोडरमा और गिरिडीह जिला प्रशासन के साथ मिलकर सुरक्षा रणनीति पर काम कर रहा है. चिन्हित 20 बूथों में से गिरिडीह सीमा से सटे हैं, बूथ संख्या 402, 403, 404. जबकि कोडरमा सीमा से सटे हैं - बूथ संख्या 180, 181, 182, 252, 253, 260, 267 से लेकर 272, 377, 382, 383, 384 और 394.

जंगल, पहाड़ और डर, ऐसा है दनिया का भूगोल

नवादा से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित दनिया गांव पूरी तरह जंगल और पठारी इलाके में है. सड़क का नामोनिशान नहीं, सिर्फ कच्चे रास्ते और पहाड़ी पगडंडियां. कौआकोल प्रखंड मुख्यालय पहुंचने के लिए ग्रामीणों को 40 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. पचम्बा होकर दूसरा रास्ता है, लेकिन वह भी पहाड़ों से होकर जाता है—वह भी पैदल.

दनिया: जहां आज भी गूंजता है नक्सल हमला की याद

9 फरवरी 2009, महुलियाटांड. पुलिस पर नक्सलियों का वह हमला आज भी लोगों के जहन में ताजा है. थानाध्यक्ष रामेश्वर राम सहित 10 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी. रैदास जयंती के बहाने पुलिसकर्मियों को बुलाया गया और आमजन के वेश में छिपे नक्सलियों ने हमला बोल दिया. सरकारी तौर पर भले ही नक्सल गतिविधियों से इनकार किया जाता हो, लेकिन ग्रामीणों के दिल से डर नहीं गया है.

Advertisement

पड़ोसी राज्य के साथ बैठक

बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने पड़ोसी राज्यों यूपी, पश्चिम बंगाल और झारखंड के मुख्य सचिव और गृह सचिव के साथ बैठक की. प्रत्यय अमृत ने कहा है कि राज्यों से अपराधियों और असामाजिक तत्वों की सूची का आदान प्रदान, उसकी गिरफ्तारी, शराब एवं अवैध निर्माण पर बात की गई. प्रत्यय अमृत ने कहा कि बिहार में चरमपंथी गतिविधियों पर काफी हद तक तक अंकुश है. लेकिन पड़ोसी राज्य में सक्रिय है. ऐसे लोग सीमा में प्रवेश  कर गड़बड़ी कर सकते हैं. झारखंड सरकार ऐसे लोगों पर निरोधात्मक कार्रवाई करे.

इस बार का चुनाव सिर्फ मतदान नहीं, लोकतंत्र की पुनर्स्थापना की लड़ाई

नक्सली हों, माफिया हों या अवैध शराब कारोबारी—सब पर निगरानी शुरू है. सीमावर्ती इन इलाकों में हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. सुरक्षा बल, प्रशासन और निर्वाचन आयोग एक सुर में कह रहे हैं—"अब दहशत की नहीं, लोकतंत्र की जीत होगी."

Advertisement

Featured Video Of The Day
Haryana के Tauru ब्लॉक से शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर लें सीख | M3M Foundation | Haryana