कांग्रेस ने बिहार में रविवार को ‘पलायन रोको, नौकरी दो' थीम वाली राज्यव्यापी ‘पदयात्रा' शुरू की. इसमें राज्य में व्याप्त बेरोजगारी को बड़े पैमाने पर युवाओं के पलायन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के बिहार मामलों के प्रभारी कृष्ण अल्लावरु, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार जैसे नेताओं ने सुदूर पश्चिमी चंपारण जिले का दौरा किया, जहां से पदयात्रा शुरू हुई. यह पदयात्रा पार्टी की युवा और छात्र शाखाओं के स्वयंसेवकों द्वारा निकाली जा रही है.
इस अवसर पर नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बिहार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर परोक्ष रूप से हमला किया.
कन्हैया ने भाजपा की कथित सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘जब सरकार लोगों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार उपलब्ध कराने में विफल रहती है, तो वह समाज में विभाजन पैदा करना चाहती है, एक वर्ग को दूसरे के खिलाफ खड़ा करना चाहती है. हम महात्मा गांधी द्वारा स्थापित भितिहरवा आश्रम में जुटे हैं. हमें उनकी प्रसिद्ध दांडी यात्रा और सत्य एवं अहिंसा के आदर्शों को त्यागे बिना अपने उद्देश्य के लिए लड़ने के उनके संकल्प से प्रेरणा मिलती है.''
‘पलायन रोको, नौकरी दो' पदयात्रा को सियासी गलियारों में बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस द्वारा खुद को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. पार्टी संभवतः राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी.
कन्हैया ने कहा, ‘‘मैं केवल इस बात को लेकर चिंतित हूं कि नौकरी के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुरूप नौकरी मिल जाए.''
कन्हैया ने इस अवसर पर युवा पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए उनसे राज्य में बदलाव लाने के लिए काम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘‘यहां से लोगों को लगभग हर चीज के लिए बाहर जाना पड़ता है, चाहे वह अच्छी शिक्षा हो, नौकरी हो या फिर हनीमून हो.''
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘दूसरी ओर, हम कभी नहीं देखते कि दूसरे राज्यों से लोग रोजी-रोटी की तलाश में बिहार आते हैं. यही कारण है कि हमें अन्य जगहों पर अपमान का सामना करना पड़ता है. सरकार के पास इस समस्या का कोई समाधान नहीं है, इसलिए वह नफरत की राजनीति करके ध्यान भटकाने की कोशिश करती है.''
‘पलायन रोको, नौकरी दो' पदयात्रा बिहार के विभिन्न जिलों से होते हुए पटना में संपन्न होगी.