- कटोरिया विधानसभा क्षेत्र बांका जिले में स्थित है और यह झारखंड की सीमा के पास छोटानागपुर पठार में आता है
- परिसीमन के बाद कटोरिया सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कर दी गई और यह बिहार की एसटी सीटों में से एक है
- क्षेत्र की आबादी में एसटी लगभग 13 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 12 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाता 11 प्रतिशत के करीब हैं
कटोरिया विधानसभा क्षेत्र बिहार के बांका जिले में स्थित है. यह क्षेत्र झारखंड की सीमा से सटा हुआ है और छोटानागपुर पठार के विस्तार में आता है. चिलकारा, मयूराक्षी और पहाड़ी नदी जैसे जलस्रोत इसके आसपास हैं. देवघर जैसे धार्मिक स्थल और झाझा, अमरपुर जैसे कस्बे इसके निकटवर्ती हैं. कटोरिया सीट की स्थापना 1951 में एक सामान्य सीट के रूप में हुई थी. 2008 के परिसीमन के बाद इसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित कर दिया गया.
यह बिहार की दो एसटी आरक्षित विधानसभा सीटों में से एक है. यहां एसटी समुदाय की आबादी लगभग 13% है, जबकि अनुसूचित जाति 12.08% और मुस्लिम मतदाता 11 फीसद के आसपास हैं.
जनसांख्यिकीय विशेषताएं
यह क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है, जहां कोई शहरी मतदाता नहीं हैं. साल 2020 में यहां 2,47,497 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 में बढ़कर 2,78,169 हो गए. 2020 में मतदान प्रतिशत 61.27% रहा. प्रमुख भाषाएं अंगिका और हिंदी हैं. साक्षरता दर अपेक्षाकृत कम है, विशेषकर महिलाओं में.
राजनीतिक इतिहास और रुझान
- कटोरिया विधानसभा सीट बांका लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है
- सामान्य सीट रहने के दौरान यहां कांग्रेस का दबदबा था (5 बार जीत)
- आरक्षित सीट बनने के बाद भाजपा ने 2010 और 2020 में जीत दर्ज की
- राजद ने 2005 और 2015 में जीत हासिल की
- जनता दल और लोजपा ने भी एक-एक बार जीत दर्ज की है
हालिया चुनावी परिदृश्य
2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की डॉ. निक्की हेंब्रम ने राजद की स्वीटी सिमा हेंब्रम को 6,421 वोटों से हराया. झामुमो के उम्मीदवार को 5,606 वोट मिले, जिससे विपक्षी वोटों का विभाजन हुआ. 2015 में स्वीटी सिमा हेंब्रम ने निक्की हेंब्रम को 10,337 वोटों से हराया था. 2010 में भाजपा के सोनलाल हेंब्रम ने राजद के सुखलाल बेसरा को 8,763 वोटों से हराया था.
कटोरिया में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जबकि भूमिहार, ब्राह्मण, कोइरी और रविदास समुदाय के वोटर भी प्रभावशाली हैं.