- बिहार में समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम थाना क्षेत्र में नीरपुर वार्ड संख्या-1 से 955 लीटर विदेशी शराब बरामद हुई
- शराब माफियाओं ने जमीन के नीचे गुप्त और गहरा तहखाना बनाकर महंगी विदेशी शराब छिपाई थी
- छापेमारी में रॉयल स्टैग और रॉयल चैलेंज जैसी तीन ब्रांड की शराब जब्त की गई है
बिहार में एक्साइज डिपार्टमेंट की टीम को जानकारी मिली थी कि समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर शराब माफिया एक्टिव हैं. टीम जब छापा मारने के लिए कर्पूरीग्राम थाना क्षेत्र के नीरपुर वार्ड संख्या-1 में पहुंची, तो हैरान रह गई. शराब माफिया ने 'पाताललोक' में शराब छिपा रखी थी. जमीन के नीचे एक 'सीक्रेट तहखाना' था, जिससे 955 लीटर विदेशी शराब बरामद हुई. इस छापेमारी का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक्साइस डिपार्टमेंट की टीम सीक्रेट तहखाना से शराब निकालते हुए नजर आ रही है.
तीन ब्रांड की विदेशी शराब मिली
मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग की टीम को शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर समस्तीपुर जिले के कर्पूरीग्राम थाना क्षेत्र के नीरपुर वार्ड संख्या-1 से 955 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई. यह शराब जमीन के नीचे गुप्त तरीके से तहखाना बनाकर उसमें छिपाकर रखी गई थी. छापेमारी के दौरान पुलिस ने तीन ब्रांड की विदेशी शराब जब्त की, जिनमें रॉयल स्टैग और रॉयल चैलेंज जैसी महंगी ब्रांड शामिल हैं. छापेमारी के ऑपरेशन को मद्य निषेध विभाग के अवर निरीक्षक मुकेश कुमार ने लीड किया.
जमीन खोदकर बनाया था गहरा तहखाना
उत्पाद विभाग के अनुसार, शराब कारोबारियों ने पुलिस की निगाहों से बचने के लिए जमीन को खोदकर एक गहरा तहखाना तैयार किया था, जिसमें बड़ी मात्र में शराब छिपाकर रखी गई थी. तहखाना इस तरह बनाया गया था कि ऊपर से सामान्य जमीन की तरह दिखाई दे रहा था और किसी को इसकी भनक भी न लगे. उत्पाद अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जिले में शराब के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए आगे भी ऐसे अभियान तेज किए जाएंगे. बेहद चालाकी से बनाए गए इस गुप्त तहखाने के पकड़े जाने से शराब माफियाओं के मंसूबों पर बड़ी चोट पहुंची है.
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बिहार में 2016 से शराब है बैन
बिहार में शराब पर प्रतिबंध है, ऐसे में शराब माफियाओं ने नए-नए जुगाड़ इसकी तस्करी के लिए निकल रहे हैं. पिछले दिनों एक एंबुलेंस पकड़ी गई थी, जिसमें शराब की तस्करी हो रही थी. बिहार में शराब पर प्रतिबंध 2016 में लागू किया गया था, जिसका मकसद शराब के दुरुपयोग को कम करना और सामाजिक सुधार लाना था. इस प्रतिबंध के तहत, राज्य में शराब की बिक्री, खरीद, वितरण, निर्माण, भंडारण, बोतलिंग, परिवहन, संग्रह और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था.













