बिहार में एक नया घोटाला सामने आया है. यह घोटाला स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से संबंधित है और इसमें कुछ निजी विश्वविद्यालय और दलालों ने मिलकर बिहार सरकार को करीब 3 करोड़ रुपये की चपत लगायी है. हालांकि, इस मामले का उद्भेदन खुद राज्य सरकार के अधिकारियों नहीं किया है. अब उन्होंने इस घोटाले में शामिल अधिकांश निजी विश्वविद्यालयों को ब्लैक लिस्टेड करते हुए नया आदेश निकाला है. इसके तहत अब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लाभ केवल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्थापित या सम्बंधित संस्थानो की सूची में शामिल शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों को ही मिलेगा.
सुशील मोदी का बड़ा खुलासा- लालू यादव ने बिहार में BJP की सरकार बनाने के लिए की थी मदद की पेशकश
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस घोटाले के जांच में पाया गया कि राजस्थान और पंजाब के अलावा उतर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई ऐसे निजी विश्वविद्यालय में बिहार के छात्रों का नामांकन सैकड़ों की संख्या में कराया गया है, जहां उतने विद्यार्थी के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर भी नहीं था. जांच में कई ऐसे शिक्षण संस्थान मिले, जहां तय सीट से ज्यादा नामांकन हुआ.
नीतीश जी किस नाम की मज़दूरी मांग रहे है : तेजस्वी कुमार
फिलहाल, इन विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों के फीस की अगली किस्त रोक दी गयी है. बताया जा रहा है कि इससे करीब चार हजार छात्रों के भविष्य पर असर पड़ेगा.
VIDEO: अधीर रंजन का पीएम मोदी पर हमला, पूछा - 2जी, कोयला घोटाले में किसे पकड़ पाए?