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Shani Dev: साल 2023 में शनि देव कब-कब होंगे वक्री, जानिए क्या होगा साढ़ेसाती और ढैय्या वालों पर असर

Edited by Updated : December 03, 2022 11:38 AM IST
Shani Dev: साल 2023 में शनि देव कब-कब होंगे वक्री, जानिए क्या होगा साढ़ेसाती और ढैय्या वालों पर असर
Shani Vakri 2023 Effect: शनि देव आगामी 17 जनवरी को कुंभ राशि में वक्री करेंगे.
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Shani Vakri 2023 Effect: नए साल 2023 की शुरुआत में ही शनि देव वक्री अवस्था में प्रवेश करने वाले हैं. जनवरी 2023 में शनि देव मकर राशि में गोचर करेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि के मकर राशि में प्रवेश करते ही कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी, वहीं कुछ पर ढैय्या शुरू हो जाएगा. शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. ऐसे में जो कोई अच्छा कर्म करता है, उस पर शनि देव मेहरबार रहते हैं. वहीं जो लोग बुरे कर्म करते हैं, उन्हें कष्टकारी परिणाम भुगतने पड़ते हैं. आइए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जानते हैं कि साल 2023 में शनि देव के वक्री होने से साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित जातकों पर क्या असर होगा. 



2023 में शनि के वक्री होने से राशियों पर होगा ये असर



मीन राशि: शनि के कुंभ राशि में वक्री से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. इस पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण होगा.


मकर राशि: मकर राशि से ही निकलकर शनि वक्री होंगे. मकर राशि के स्वामी ग्रह भी शनि ही हैं. इस राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव झेलना पडेगा.


कर्क राशि: कुंभ में वक्री शनि के गोचर से कर्क राशि पर शनि की ढैय्या शुरू होगी. शनि ढैय्या के प्रभाव से इन राशियों के जातकों का जीवन कष्टप्रद रहेगा.


वृश्चिक राशि: जनवरी 2023 से वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव शुरू होगा जो अगले ढाई वर्ष तक रहेगा. इस दौरान इन जातकों पर शनि के प्रकोप होगा.


कुंभ राशि : शनि 17 जनवरी को स्वराशि मकर से निकलकर स्वराशि कुंभ में वक्री अवस्था में प्रवेश करेंगे. इन्हें भी साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव झेलना पडेगा.

 

साढ़े साती और ढैय्या के उपाय  


शनि देव को कर्म फलदाता और न्याय के देवता के नाम से जाना जाता है. इसलिए शनि साढ़े साति और ढैय्या की दशा से बचने के लिए पहले से ही अच्छे कर्म कर लें. दूसरों की मदद करें. किसी से झूठ, चोरी, लालच,घृणा आदि न करें. 


- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन या नियमित रूप से शनि के बीज मंत्र ओम शं शनैश्चराय नम: या फिर ओम प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें. ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं. 


- साढ़े साती और ढैय्या के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन शमी के पौधे की पूजा करें. नियमित रूप से शमी के पौधे को जल दें. शनिवार को शाम के समय इसकी पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं. शमी का पौधा शनिदेव का प्रिय है.इसलिए शनिवार के दिन शमी के पौधे की पूजा की जाती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)