हिंदुस्तान उर्वरक के बरौनी संयंत्र में शुरू हुआ यूरिया का उत्पादन

इस योजना के तहत इन तीन कारखानों में 38.1 लाख टन यूरिया तैयार करने की क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया. इससे देश में यूरिया की उपलब्धता बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी.

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सरकार ने एचयूआरएल को बरौनी इकाई को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी दी थी.
नई दिल्ली:

सरकारी क्षेत्र के विभिन्न उपक्रमों की साझा कंपनी हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के बरौनी संयंत्र ने यूरिया उत्पादन शुरू कर दिया है. रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने बुधवार को यहां एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी. फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएफसीएल) की बंद यूरिया इकाइयों को पुनर्जीवित करने की पहल के तहत इस कारखाने में उत्पादन मंगलवार को शुरू हुआ.

बरौनी कारखाने के चालू होने को उर्वरक एवं रसायन मंत्री मनसुख मंडाविया ने ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि उर्वरक क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' मिशन मजबूत हो रहा है. उन्होंने कहा कि उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है. सरकार ने एचयूआरएल को बरौनी इकाई को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी दी थी और इस 12.7 लाख टन वार्षिक यूरिया उत्पादन क्षमता के पुनरोद्धार के लिए 8,387 करोड़ रुपये की योजना मंजूर की गयी थी.

एचयूआरएल का गठन 15 जून, 2016 को किया गया था. इसमें कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), एनटीपीसी लिमिटेड (एनटीपीसी), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और एफसीआईएल/एचएफसीएल की हिस्सेदारी है. इसे गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी में सरकारी क्षेत्र की यूरिया इकाइयों को पुनर्जीवित करने के लिए अधिकृत किया गया और इसके लिए 25,000 करोड़ रुपये का निवेश स्वीकृत किया गया.

इस योजना के तहत इन तीन कारखानों में 38.1 लाख टन यूरिया तैयार करने की क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया. इससे देश में यूरिया की उपलब्धता बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी. एचयूआरएल का गोरखपुर संयंत्र दिसंबर 2021 में चालू हो चुका है और सिंदरी संयंत्र के शीघ्र ही चालू होने की संभावना है.

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