अमेरिकी सीनेट में अहम विधेयक पास, सालों से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीयों को मिलेगी बड़ी राहत

सीनेटर ली ने जुलाई में सीनेट को बताया था कि स्थायी निवास या ग्रीन कार्ड पाने के लिए किसी भारतीय नागरिक का बैकलॉग 195 वर्ष से अधिक है.

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विधेयक को सीनेट से मिली मंजूरी भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए बड़ी राहत (प्रतीकात्मक तस्वीर)
वाशिंगटन:

अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया है जो विभिन्न देशों के लिए रोजगार आधारित आव्रजक वीजा ( Employment-Based Immigrant Visa) की अधिकतम संख्या का निर्धारण समाप्त करता है. साथ ही उसे परिवार आधारित वीजा बनाता है. यह विधेयक अमेरिका में कार्यरत सैंकडों भारतीय पेशेवरों को लाभान्वित करेगा जो वर्षों से ग्रीन कार्ड पाने का इंतजार कर रहे हैं. ‘फेयरनेस फॉर हाई स्किल्ड इमिग्रेन्ट्स एक्ट' को बुधवार को सीनेट से मिली मंजूरी भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए बड़ी राहत है जो एच-1बी वीजा पर अमेरिका आए थे और ग्रीन कार्ड अथवा स्थाई आवास के लिए दशकों से इंतजार कर रहे हैं. 

विधेयक को 10 जुलाई 2019 को प्रतिनिधि सभा से मंजूरी मिल गई थी. विधेयक ने परिवार आधारित आव्रजन वीजा पर उस वर्ष मौजूद कुल वीजा के प्रति देश सात प्रतिशत की सीमा बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया था. ऊटा राज्य से रिपब्लिक पार्टी के सीनेटर लाइक ली ने यह विधेयक पेश किया था. वित्त वर्ष 2019 में भारतीय नागरिकों को 9,008 श्रेणी1 (ईबी1), 2908 श्रेणी 2(ईबी2), और 5,083 श्रेणी 3 (ईबी3) ग्रीन कार्ड प्राप्त हुए. (ईबी3) रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड की विभिन्न श्रेणियां हैं. 

सीनेटर ली ने जुलाई में सीनेट को बताया था कि स्थायी निवास या ग्रीन कार्ड पाने के लिए किसी भारतीय नागरिक का बैकलॉग 195 वर्ष से अधिक है. सीनेटर केविन क्रैमर ने कहा कि ‘फेयरनेस फॉर हाई-स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट' अधिक योग्यता-आधारित प्रणाली बनाता है जो दक्ष आव्रजकों को समान अवसर प्रदान करता है. क्रैमर ने यह सुनिश्चित करने का काम किया कि विधेयक धोखाधड़ी और वीजा प्रणाली के दुरुपयोग को रोकने वाला हो.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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