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US ELECTION FAQ

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    2024 US Elections All Your Questions Answered

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव कब होंगे?

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग पांच नवंबर को कराई जाएगी.

    राष्ट्रपति चुनाव में कौन-कौन उम्मीदवार मैदान में हैं?

    डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प उम्मीदवार हैं.

    उपराष्ट्रपति पद पर कौन-कौन उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं?

    डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर टिम वॉल्ज हैं.वो मिनेसोटा राज्य के गवर्नर भी हैं.वहीं जेडी वेंस रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं.वो ओहायो से सीनेटर हैं.

    जो बाइडन ने राष्ट्रपति चुनाव क्यों नहीं लड़ा?

    रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के साथ प्रेशिडेंशियल डिबेट में ठीक से अपनी बात न रख पाने के बाद अधिक उम्र और खराब सेहत की वजह से डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उन पर चुनाव से हट जाने का दवाब पड़ा.इसके बाद बाइडन ने चुनाव से हटने की घोषणा की.

    अंतिम चुनाव परिणाम कब घोषित होगा?

    मतदाता पांट नवंबर को ही कांग्रेस और राज्य सरकारों का भी चुनाव करेंगे. हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव और सीनेट के नए चुने गए सदस्य शपथ लेंगे. इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव की गणना और उसके अनुमोदन के लिए छह जनवरी 2025 को कांग्रेस का एक संयुक्त सम्मेलन बुलाया जाएगा.

    नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कार्यभार कब संभालेंगे?

    नए चुने गए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति 20 जनवरी 2025 को शपथ लेंगे.

    अमेरिकी चुनाव में कौन मतदान कर सकता है?

    18 साल से अधिक आयु के अमेरिकी नागरिक जिनका नाम मतदाता के रूप में दर्ज है, वो मतदान कर सकते हैं.

    वोट डालने के लिए किन कागजात की जरूरत होती है?

    हर राज्य की पहचान पत्रों की एक अलग सूची है, जो किसी मतदाता के पास वोट डालने के लिए होने चाहिए. अगर आप एक पंजीकृत मतदाता हैं और आपके पास पंजीकृत पहचान पत्र है, तो वोट डालते समय उसे आपको लाने की जरूरत नहीं है. किसी राज्य में आपसे ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य का पहचान पत्र या पासपोर्ट जैसे फोटो पहचान पत्र दिखाने को कहा जा सकता है. इनके अलावा आप जन्म प्रमाण पत्र और सोशल सिक्योरिटी कार्ड दिखाकर भी मतदान कर सकते हैं.

    क्या बिना पहचान पत्र के भी वोट डाला जा सकता है?

    आप बिना फोटो पहचान पत्र के भी वोट डाल सकते हैं.कुछ राज्यों में आपको अपनी पहचान बताने वाला एक फार्म भरने के लिए कहा जाता है. वहीं कुछ राज्यों में आपकी वैधता पर किसी तरह का संदेह होने पर आपको वोट डालने के लिए एक प्रोविजनल मतदान पत्र दिया जाता है. आपकी पहचान स्थापित होने तक वह प्रोविजनल मतदान पत्र अलग रखा जाएगा.आपको कुछ दिनों के अंदर अपना वैध पहचान पत्र दिखाना होगा. ऐसा न होने की स्थिति में आपके वोट की गिनती नहीं होगी.

    क्या आप डाक मतपत्र के जरिए भी मतदान कर सकते हैं?

    अधिकांश राज्यों में मतदाताओं को डाक मतपत्र के जरिए मतदान का अधिकार दिया जाता है. वहीं कुछ राज्यों में यात्रा पर होने, किसी जरूरी काम या बीमार होने की स्थिति में ही डाक से मतदान का अधिकार मिलता है. कुछ राज्यों में डाक से मतदान के लिए मतपत्र मांगने की समय सीमा तय होती है.आमतौर पर यह मतदान की तारीख से दो हफ्ते से भी कम की होती है.

    क्या इलेक्शन डे से पहले भी वोटिंग हो सकती है?

    वोटिंग की शुरुआत सितंबर में ही हो जाती है. इसके बाद मतदाता पोलिंग स्टेशन पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर एबसेंटी वोट दे सकते हैं, हालांकि इसकी सुविधा हर राज्य में नहीं है.

    प्रेशिडेंशियल प्राइमरी और कॉकस क्या है?

    प्राइमरी और कॉकस वो दो तरीके हैं, जिसके जरिए लोग राज्य और राजनीतिक दलों को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुनने में मदद करते हैं.

    प्राइमरी और कॉकस में क्या अंतर है?

    अधिकांश राज्य राष्ट्रपति चुनाव से छह से नौ महीने पहले प्राइमरी का आयोजन करते हैं. इसमें मतदाता गुप्त मतदान प्रणाली के जरिए अपने उम्मीदवार का चुनाव करते हैं. जिस राज्य में प्राइमरी होता है, उस राज्य के परिणाम को उम्मीदवारों के खाते में जोड़ दिया जाता है.

    राजनीतिक दलों की बैठकों को कॉकस कहा जाता है.इन बैठकों का आयोजन काउंटी, जिला या क्षेत्रीय आधार पर होता है. कुछ कॉकस में उम्मीदवार का चुनाव गुप्त मतदान के जरिए किया जाता है. वहीं कुछ कॉकस में प्रतिनिधि अपने-अपने पसंदीदा उम्मीदवार के आधार पर गुटों में बंट जाते हैं. हर उम्मीदवार के समर्थक ग्रुप भाषण देकर अपनी बात रखते हैं. इसका मकसद दूसरे गुटों का भी समर्थन जुटाना होता है. अंत में हर उम्मीदवार को कॉकस वोट के आधार पर डेलिगेट मिलते हैं.

    साल 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कितने फीसद मतदान हुआ था?

    साल 2020 के  अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में 15 करोड़ 84 लाख से अधिक लोगों ने मतदान किया था. प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक यह संख्या कुल मतदाताओं के करीब 62.8 फीसद के बराबर थी.

    अगर किसी भी उम्मीदवार को बहुमत न मिले तो क्या होगा?

    अगर किसी उम्मीदवार को 270 इलेक्टोरल वोट नहीं मिलते हैं तो राष्ट्रपति चुनाव का फैसला हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में होता है. हर राज्य के डेलिगेशन के पास एक वोट होता है. इस मामले में बहुमत का आंकड़ा 26 का होता है. जीतने के लिए इतने वोट लाना जरूरी होता है. वहीं उपराष्ट्रपति का चुनाव सीनेट में होता है. वहां 51 सीनेटरों का समर्थन जीतने के लिए जरूरी है.

    क्या कभी ऐसा अवसर आया है, जब राष्ट्रपति का चुनाव के बहुमत के बिना हुआ हो?

    ऐसा 19 बार हुआ है जब विजेता उम्मीदवार को पॉपुलर वोटों में बहुमत नहीं मिला. इस तरह का पहला मामला 1824 में सामने आया था जब जॉन क्विंसी एडम्स राष्ट्रपति चुने गए थे. सबसे ताजा मामला 2016 का है, जब डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुने गए थे.

    स्विंग स्टेट कौन से राज्य कहलाते हैं?

    स्विंग स्टेट वो राज्य हैं, जहां मतदाताओं में डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी समान रूप से लोकप्रिय हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ये राज्य बहुत जरूरी हैं,क्योंकि इनमें चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने की क्षमता होती है.

    कौन-कौन से राज्य स्विंग स्टेट हैं?

    जॉर्जिया, नेवादा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, एरिजोना और पेंसिल्वेनिया.